नई दिल्ली: भारत के निर्यात सेक्टर के लिए एक अहम और सकारात्मक खबर सामने आई है. खाड़ी देश ओमान ने भारत में जारी होने वाले आधिकारिक हलाल मीट सर्टिफिकेशन को मान्यता दे दी है. इसे भारत सरकार की बड़ी कूटनीतिक और व्यापारिक सफलता माना जा रहा है. इस फैसले से भारतीय मांस और मांस उत्पादों के निर्यातकों को सीधे तौर पर फायदा मिलेगा और कारोबार की राह पहले से कहीं ज्यादा आसान होगी.
55 इस्लामिक देशों पर सरकार की नजर
ओमान से मिली इस मंजूरी के बाद अब भारत सरकार की नजर उन 55 इस्लामिक देशों पर है, जहां हलाल सर्टिफिकेशन अनिवार्य माना जाता है. वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि सरकार लगातार ऐसे देशों से बातचीत कर रही है, ताकि भारत के आधिकारिक हलाल सर्टिफिकेशन को वहां भी मान्यता मिल सके.
उन्होंने कहा कि बीते तीन से चार वर्षों से भारत खाड़ी देशों के साथ इस मुद्दे पर गंभीर प्रयास कर रहा है. खाड़ी देश हलाल उत्पादों के सबसे बड़े आयातक हैं और वहां भारतीय निर्यातकों की बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं.
अनौपचारिक व्यवस्था से औपचारिक सिस्टम
पीयूष गोयल के अनुसार, अब तक कई देशों में हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर अनौपचारिक और बिखरी हुई व्यवस्था चलती रही है. भारत सरकार चाहती है कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान एक पारदर्शी, प्रक्रिया-आधारित और सरकारी मान्यता प्राप्त सिस्टम के जरिए किया जाए.
उन्होंने साफ कहा कि भविष्य में भारत इस बात पर जोर देगा कि केवल वही हलाल सर्टिफिकेशन मान्य हो, जो आधिकारिक और मान्यता प्राप्त एजेंसियों द्वारा जारी किया गया हो. इससे न सिर्फ धार्मिक मानकों का पालन होगा, बल्कि व्यापार में पारदर्शिता भी आएगी.
बार-बार टेस्टिंग और खर्च से मिलेगी राहत
ओमान की मंजूरी का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि भारतीय निर्यातकों को अब बार-बार अलग-अलग देशों में री-टेस्टिंग और दोबारा सर्टिफिकेशन कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
इससे:
सरकार का मानना है कि यह कदम भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा को वैश्विक बाजार में और मजबूत करेगा.
निजी सर्टिफिकेशन पर लग चुकी है रोक
पहले भारत में कई निजी संस्थाएं हलाल सर्टिफिकेट जारी करती थीं, जिन पर सरकारी निगरानी नहीं थी. इसे लेकर लंबे समय से सवाल उठते रहे थे.
मार्च 2023 में DGFT (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड) ने एक अहम नोटिफिकेशन जारी किया. इसके तहत यह तय किया गया कि हलाल सर्टिफिकेशन केवल क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (QCI) की
इंडिया कन्फॉर्मिटी असेसमेंट स्कीम (i-CAS) हलाल के अंतर्गत मान्यता प्राप्त एजेंसियों द्वारा जारी होने पर ही वैध माना जाएगा.
किन देशों में जरूरी है हलाल सर्टिफिकेशन?
अक्टूबर 2024 में जारी एक और अधिसूचना में कम से कम 15 देशों की सूची दी गई थी, जहां मांस और मांस उत्पादों के निर्यात के लिए हलाल सर्टिफिकेशन जरूरी है.
इन देशों में शामिल हैं:
ओमान की मंजूरी से अब उम्मीद की जा रही है कि बाकी देश भी भारत के आधिकारिक सिस्टम को स्वीकार करेंगे.
इस फैसले को भारतीय मांस उद्योग के लिए गेम-चेंजर माना जा रहा है. सरकार का मानना है कि इससे भारत वैश्विक हलाल मांस बाजार में एक भरोसेमंद और संगठित सप्लायर के रूप में उभरेगा.
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