परमाणु परीक्षण की तैयारी में ट्रंप! रूस ने अमेरिका को दी चेतावनी, कहा- न्यूक्लियर टेस्ट करने का सोचा भी तो...

    Russia Warning to America: आज जब पूरी दुनिया राजनीतिक अस्थिरता, युद्ध और भू-राजनीतिक टकराव से जूझ रही है, ऐसे में परमाणु हथियारों की धमकी एक बार फिर वैश्विक मंच पर प्रमुख मुद्दा बनती जा रही है. हाल ही में रूस ने एक कड़े बयान के माध्यम से उन देशों को साफ चेतावनी दी है जो भविष्य में परमाणु परीक्षण की योजना बना रहे हैं.

    Trump preparing for nuclear test Russia warned America know more
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    Russia Warning to America: आज जब पूरी दुनिया राजनीतिक अस्थिरता, युद्ध और भू-राजनीतिक टकराव से जूझ रही है, ऐसे में परमाणु हथियारों की धमकी एक बार फिर वैश्विक मंच पर प्रमुख मुद्दा बनती जा रही है. हाल ही में रूस ने एक कड़े बयान के माध्यम से उन देशों को साफ चेतावनी दी है जो भविष्य में परमाणु परीक्षण की योजना बना रहे हैं.

    इस बयान ने न केवल अमेरिका और उसके सहयोगियों की चिंता बढ़ा दी है, बल्कि दुनिया भर के रक्षा विशेषज्ञों और रणनीतिक विश्लेषकों को भी सतर्क कर दिया है.

    "परमाणु परीक्षण किया तो भुगतना पड़ेगा अंजाम" 

    रूस के उपविदेश मंत्री सर्गेइ रयाबकोव ने हाल ही में एक मीडिया बातचीत के दौरान कहा, “अगर कोई देश परमाणु परीक्षण जैसा गलत और अस्थिर करने वाला फैसला लेता है, तो रूस उसकी ओर से आने वाले खतरे का मुंहतोड़ जवाब देगा.”

    रयाबकोव ने बिना किसी देश का नाम लिए, लेकिन स्पष्ट इशारों में अमेरिका की ओर संकेत किया. उन्होंने कहा कि अमेरिका पिछले काफी समय से परमाणु परीक्षणों के लिए अपने सैन्य बुनियादी ढांचे को युद्धकालीन स्तर पर बनाए हुए है.

    “तैयार कर रहा है युद्ध की जमीन”

    रूसी अधिकारी ने आगे कहा, “हमने देखा है कि अमेरिका लंबे समय से परमाणु परीक्षणों की तैयारी में लगा हुआ है. न्यू स्ट्रैटेजिक आर्म्स रिडक्शन ट्रीटी (New START) से हटने का उनका फैसला इसका प्रमाण है.”

    यह बयान उस समय आया है जब दुनिया पहले से ही यूक्रेन युद्ध और मिडिल ईस्ट में चल रहे संघर्षों से जूझ रही है. रूस का यह रुख बता रहा है कि वह किसी भी हाल में परमाणु संतुलन को तोड़ने की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं करेगा.

    "जवाबी कार्रवाई तय है"

    इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी इस विषय पर बयान दे चुके हैं. उन्होंने वल्दाई इंटरनेशनल डिस्कशन क्लब में कहा, “हमें पता चला है कि कुछ देश गुपचुप परमाणु परीक्षण की तैयारी कर रहे हैं. अगर ऐसा हुआ, तो रूस खामोश नहीं बैठेगा. हम इसके खिलाफ जवाबी कदम जरूर उठाएंगे.” पुतिन के इस बयान को रणनीतिक चेतावनी माना जा रहा है, जो अमेरिका और नाटो देशों के लिए स्पष्ट संदेश है.

    क्या है न्यू START संधि और इसका महत्त्व?

    ‘New START Treaty’ रूस और अमेरिका के बीच हुआ एक महत्वपूर्ण परमाणु हथियार नियंत्रण समझौता था. इसका उद्देश्य दोनों देशों के पास मौजूद रणनीतिक परमाणु हथियारों की संख्या को सीमित करना था. लेकिन बीते वर्षों में अमेरिका और रूस दोनों ही इस संधि से पीछे हटते दिखाई दिए हैं, जिससे परमाणु हथियारों की दौड़ एक बार फिर तेज़ हो गई है.

    यूक्रेन युद्ध और अमेरिका-रूस के तनावपूर्ण रिश्ते

    • अमेरिका का दबाव बनाम रूस की जिद

    रूस और अमेरिका के बीच संबंध पहले ही यूक्रेन युद्ध को लेकर बेहद तनावपूर्ण हैं. अमेरिका चाहता है कि रूस युद्ध को तुरंत रोके और यूक्रेनी संप्रभुता को बहाल करे. वहीं रूस का रुख पूरी तरह अलग है, वह केवल अपनी शर्तों पर ही युद्ध समाप्त करना चाहता है.

    •  ट्रंप का दखल

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी लगातार रूस पर दबाव बना रहे हैं. ट्रंप चाहते हैं कि पुतिन युद्ध खत्म करें, लेकिन रूस अब तक किसी भी तरह के राजनीतिक दबाव में आने को तैयार नहीं है.

    परमाणु संतुलन पर मंडरा रहा खतरा

    दुनिया भर में रणनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि कोई देश वास्तव में परमाणु परीक्षण करता है, तो यह वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता है. खासकर जब दो परमाणु ताकतें, अमेरिका और रूस एक-दूसरे को सीधी चेतावनी देने लगे, तो मामला बेहद नाज़ुक हो जाता है.

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