ट्रंप ने करवाया रूस पर ड्रोन अटैक! पुतिन से 'दोस्ती' का दिखावा क्यों? जानिए किसने लिखी हमले की पटकथा

    यूक्रेन और रूस की जंग अब एक ऐसे मोड़ पर आ चुकी है, जहां सिर्फ हथियार नहीं, रणनीति, भरोसे और विश्वासघात भी निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं.

    Trump ordered drone attack on Russia Putin
    डोनाल्ड ट्रंप-पुतिन | Photo: ANI

    यूक्रेन और रूस की जंग अब एक ऐसे मोड़ पर आ चुकी है, जहां सिर्फ हथियार नहीं, रणनीति, भरोसे और विश्वासघात भी निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं. हाल ही में हुए ऑपरेशन स्पाइडर वेब ने रूस को ऐसा झटका दिया है, जिसकी गूंज न सिर्फ मॉस्को बल्कि वॉशिंगटन तक सुनाई दी.

    यूक्रेन के इस अचानक हमले ने रूस को करीब 60 हजार करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है. लेकिन असली सवाल ये है कि ज़ेलेंस्की को इतनी बड़ी कार्रवाई की हिम्मत कहां से मिली? सूत्रों की मानें तो इसके पीछे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चुप सहमति हो सकती है.

    पुतिन को पीछे छोड़ने की तैयारी पहले से थी?

    हमला उस वक्त हुआ जब इस्तांबुल में रूस-यूक्रेन बैठक की तैयारी चल रही थी. रूस को उम्मीद थी कि यूक्रेन इस बार झुकेगा, लेकिन ठीक 16 घंटे पहले ज़ेलेंस्की ने कुछ ऐसा कर डाला जिससे पूरी जंग का रुख बदल गया. यूक्रेन ने रूस के चार प्रमुख एयरबेस पर हमला कर दिया, जो कि यूक्रेन बॉर्डर से 2000 से 4000 किलोमीटर दूर थे.

    डील के बदले धोखा? ट्रंप पर बड़ा आरोप

    रिपोर्ट्स बताती हैं कि अमेरिका में सत्ता संभालने के बाद ट्रंप ने पुतिन से दोस्ती का सिर्फ नाटक किया. अंदरखाने में उन्होंने यूक्रेन से खनिज संपदा के बदले समर्थन का सौदा किया और ज़ेलेंस्की को ऑपरेशन स्पाइडर वेब को शुरू करने की हरी झंडी दे दी.

    माना जा रहा है कि ट्रंप ने पहले जानबूझकर यूक्रेन की सैन्य सहायता और खुफिया मदद रोक दी थी, ताकि डील के बाद उसका फायदा उठा सकें. जैसे ही खनिज समझौते पर दस्तखत हुए, यूक्रेन को संकेत मिला और ऑपरेशन शुरू कर दिया गया.

    रूस को एक झटके में अरबों का नुकसान

    यूक्रेन ने दावा किया कि उसने रूस के चार एयरबेस पर हमला कर 41 एयरक्राफ्ट तबाह कर दिए. इन विमानों में शामिल थे:

    • A-50 अवाक्स: 2,922 करोड़ रुपये का एक विमान
    • TU-160 ब्लैकजैक बॉम्बर: 1,252 करोड़ रुपये
    • TU-95 बॉम्बर: 417 करोड़ रुपये प्रति विमान
    • TU-22 बॉम्बर: लगभग 334 करोड़ रुपये का नुकसान

    यह रूस की रणनीतिक हवाई ताकत का लगभग 34% और न्यूक्लियर क्षमता का 30% हिस्सा था.

    अब ज़ेलेंस्की की चार शर्तें

    इस हमले के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के तेवर पूरी तरह बदले नजर आ रहे हैं. अब उन्होंने रूस के सामने चार शर्तें रख दी हैं:

    • बिना शर्त पूर्ण युद्धविराम
    • कैदियों की तत्काल रिहाई
    • जबरन ले जाए गए नागरिकों की वापसी
    • शीर्ष स्तर पर सीधी बातचीत

    अब ज़ेलेंस्की खुद पुतिन से सीधे बातचीत करने की स्थिति में हैं. वो जो कभी रक्षात्मक थे, अब आक्रामक और आत्मविश्वास से लबरेज दिख रहे हैं.

    ट्रंप का समर्थन

    डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका पर अब अंतरराष्ट्रीय हलकों में गंभीर चर्चा हो रही है. क्या उन्होंने रूस को धोखा देकर नई जंग की जमीन तैयार की? क्या उनका समर्थन यूक्रेन के लिए एक अस्थायी वरदान है या भविष्य में विनाश का कारण बनेगा? एक बात तो तय है – ऑपरेशन स्पाइडर वेब के बाद यूक्रेन का आत्मविश्वास आसमान पर है, और रूस की रणनीतिक ताकत को गहरा धक्का लगा है.

    ये भी पढ़ेंः ‘अभेद्य भारत’ की तैयारी पूरी! परिंदे भी नहीं ले पाएंगे देश में एंट्री, S-400 सिस्टम बनेगा दुश्मनों का काल