पश्चिम एशिया में चल रहे लंबे संघर्ष को थामने की दिशा में एक अहम पहल सामने आई है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और हमास के बीच गाज़ा युद्ध पर 60 दिनों के संघर्षविराम के लिए मध्यस्थता की है. सूत्रों के मुताबिक, दोनों पक्षों के बीच एक सहमति पत्र तैयार हो चुका है और ट्रंप इस समझौते की गारंटी देने वाले हैं.
गाज़ा में युद्धविराम की पहल
समाचार एजेंसी एपी द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, संघर्षविराम की यह योजना तीन सूत्रधारों ने साझा की है, जिन्होंने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि समझौते की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. इस प्रस्ताव के तहत 60 दिन का युद्धविराम लागू होगा. हमास 10 जीवित बंधकों और 18 मृतकों के शव इजरायल को सौंपेगा. इजरायली सेनाएं बफर ज़ोन तक सीमित रहेंगी. मानवitarian राहत संयुक्त राष्ट्र और फिलिस्तीनी एजेंसियों की मदद से गाज़ा पहुंचाई जाएगी.
फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की शर्त
समझौते के तहत, पहले के संघर्षविरामों की तरह इस बार भी फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई पर सहमति बनी है, हालांकि उनकी संख्या अभी स्पष्ट नहीं की गई है. साथ ही, हमास ने स्थायी युद्धविराम की भी मांग की है, जिस पर इन 60 दिनों के भीतर फैसला लिया जाएगा.
डोनाल्ड ट्रंप की गारंटी क्या दर्शाती है?
डील की सबसे अहम बात यह है कि डोनाल्ड ट्रंप व्यक्तिगत रूप से गारंटी देंगे कि इजरायल इस संघर्षविराम को तोड़ेगा नहीं. इसका उद्देश्य मार्च में हुए संघर्षविराम के उल्लंघन जैसे हालात दोबारा न दोहराना है. समझौते में ट्रंप के ऐलान और निगरानी की बात भी कही गई है.
नेतन्याहू की अमेरिका यात्रा और संकेत
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू जल्द ही इस समझौते पर अंतिम बातचीत के लिए व्हाइट हाउस पहुंचने वाले हैं. उन्होंने पहले भी बयान दिया था कि हमास की कैद में अब भी लगभग 20 इजरायली बंधक हैं और 30 मारे जा चुके हैं. नेतन्याहू ने यह भी कहा कि इजरायल गाज़ा से उत्पन्न खतरों का स्थायी समाधान चाहता है.
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