दक्षिण कोरिया में होगी ट्रंप और शी जिनपिंग की ऐतिहासिक मुलाकात, जानिए किन मुद्दों पर होगी बात?

    दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका और चीन एक बार फिर बातचीत की मेज़ पर आईं हैं. मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच दो दिवसीय वार्ता संपन्न हुई. इस मुलाकात को सिर्फ एक कूटनीतिक बैठक नहीं, बल्कि आने वाले महीनों में होने वाली ट्रंप–शी जिनपिंग बैठक की नींव के रूप में देखा जा रहा है.

    Trump and Xi Jinping to hold historic meeting in South Korea
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    नई दिल्ली: दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका और चीन एक बार फिर बातचीत की मेज़ पर आईं हैं. मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच दो दिवसीय वार्ता संपन्न हुई. इस मुलाकात को सिर्फ एक कूटनीतिक बैठक नहीं, बल्कि आने वाले महीनों में होने वाली ट्रंप–शी जिनपिंग बैठक की नींव के रूप में देखा जा रहा है. अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने कहा कि बातचीत कई अहम मुद्दों पर रचनात्मक रही और इसका मकसद द्विपक्षीय संबंधों को स्थिरता की ओर ले जाना है.

    कृषि, व्यापार और तकनीक पर गहन चर्चा

    अमेरिकी वित्त मंत्री बेसेन्ट ने बताया कि वार्ता के दौरान कृषि खरीद, टिकटॉक, व्यापार, रेयर अर्थ मिनरल्स और द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तार से चर्चा की गई. बैठक का एक बड़ा हिस्सा फेंटेनाइल तस्करी और टिकटॉक डेटा सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं पर केंद्रित रहा. अमेरिका लंबे समय से चीन पर अपने नागरिकों के डेटा की निगरानी का आरोप लगाता रहा है, लेकिन इस बार का माहौल पहले की तुलना में कहीं अधिक सकारात्मक और संवादात्मक रहा. बैठक के अंत में दोनों देशों ने एक साझा बयान जारी करते हुए कहा कि “बातचीत ही मतभेदों को सुलझाने का सबसे सही तरीका है.”

    दोनों देशों के प्रतिनिधि और राजनीतिक महत्व

    चीन की ओर से इस बैठक का नेतृत्व उप-प्रधानमंत्री हे लिफेंग ने किया, जिनके साथ व्यापार प्रतिनिधि ली चेंगगांग और उप-वित्त मंत्री लियाओ मिन शामिल थे. वहीं, अमेरिकी पक्ष का नेतृत्व वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट और व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर ने किया. यह वार्ता केवल आर्थिक सहयोग पर केंद्रित नहीं थी, बल्कि इसके राजनीतिक और रणनीतिक मायने भी गहरे हैं — विशेष रूप से ऐसे समय में जब दोनों देशों के बीच ताइवान नीति, टेक्नोलॉजी नियंत्रण, और व्यापारिक प्रतिस्पर्धा को लेकर तनाव बना हुआ है.

    ट्रंप का एशिया दौरा और रणनीतिक संदेश

    यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के पहले बड़े एशिया दौरे पर हैं. मलेशिया पहुंचने पर उनका स्वागत प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने किया. ट्रंप ने यहां थाईलैंड और कंबोडिया के बीच शांति समझौते के साक्षी बनकर क्षेत्रीय स्थिरता का संदेश दिया. उनकी यह यात्रा मलेशिया के बाद जापान और दक्षिण कोरिया तक जाएगी. वहीं, एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन में उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बहुप्रतीक्षित मुलाकात तय है, जो व्हाइट हाउस में वापसी के बाद दोनों नेताओं की पहली आमने-सामने बैठक होगी.

    ट्रंप ने पत्रकारों को क्या बताया?

    एयर फोर्स वन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि शी जिनपिंग के साथ यह मुलाकात एक पूर्ण और व्यावहारिक समझौते की दिशा में आगे बढ़ेगी. उन्होंने बताया, “हम टैरिफ, निर्यात, कृषि खरीद, ताइवान नीति और यूक्रेन जैसे मुद्दों पर सीधे संवाद करेंगे. यही मतभेद दूर करने का सबसे प्रभावी रास्ता है.” ट्रंप का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव, ताइवान पर मतभेद और तकनीकी प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ रही है. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, ट्रंप इस बैठक में टिकटॉक से जुड़ी अमेरिकी चिंताओं और फेंटेनाइल की अवैध तस्करी पर सख्त रुख अपनाने की तैयारी में हैं.

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