आतंकियों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए पाकिस्तान के बड़े-बड़े अफसर, शहबाज शरीफ की भतीजी को भी देखा गया

    सेना ने लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकी अब्दुल रऊफ के जनाजे की एक तस्वीर साझा की, जिसमें पाकिस्तान की सेना और प्रशासन के बड़े नाम दिखाई दिए.

    Top Pakistani officials attended funeral of terrorists Shehbaz Sharif
    संबित पात्रा | Photo: BJP

    नई दिल्लीः भारतीय सेना ने रविवार को ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में न केवल इस मिशन की रणनीतिक सफलता को रेखांकित किया, बल्कि पाकिस्तान की दोहरी नीति की भी परतें खोल दीं. सेना ने साक्ष्यों के साथ बताया कि कैसे पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारी और राजनेता आतंकियों के जनाजों में शरीक होकर आतंकवाद के समर्थन को खुलेआम बढ़ावा दे रहे हैं.

    पाक सेना और नेताओं की मौजूदगी का सबूत

    सेना ने लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकी अब्दुल रऊफ के जनाजे की एक तस्वीर साझा की, जिसमें पाकिस्तान की सेना और प्रशासन के बड़े नाम दिखाई दिए. इन नामों में शामिल हैं:

    • लेफ्टिनेंट जनरल फैयाज हुसैन
    • मेजर जनरल राव इमरान सरताज
    • ब्रिगेडियर मोहम्मद फुरकान शब्बीर
    • पंजाब पुलिस के IG उस्मान अनवर
    • सांसद मलिक अहमद

    ये सभी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर के अंतिम संस्कार में नमाज पढ़ते नजर आए.

    जनाजे में शरीक हुईं मरियम नवाज, जुंदाल के रिश्ते उजागर

    भाजपा सांसद डॉ. संबित पात्रा ने भी शनिवार को एक प्रेस वार्ता में बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए मुंबई हमले के मास्टरमाइंड अबु जुंदाल के जनाजे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की भतीजी और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज शरीक हुई थीं. यह खुलासा पाकिस्तान के सत्ता तंत्र और आतंकवाद के बीच गहरे रिश्तों की पुष्टि करता है.

    11 पाकिस्तानी सैन्य व आतंकी ठिकाने तबाह

    भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत किए गए हमलों की सैटेलाइट तस्वीरें भी साझा कीं. इन तस्वीरों में हमलों से पहले और बाद की स्थिति स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है. सेना के मुताबिक पाकिस्तान और POK के कुल 11 ठिकानों को निशाना बनाकर ध्वस्त किया गया. इनमें बहावलपुर, मुरिदके, सरजल और महमूना जोया जैसे आतंकी गढ़ भी शामिल हैं.

    PAK की पोल खोली

    इससे पहले 8 मई को विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी सार्वजनिक रूप से उन तस्वीरों को साझा किया था, जिनमें पाकिस्तानी अधिकारी आतंकियों के अंतिम संस्कार में मौजूद थे. यह एक बार फिर दिखाता है कि पाकिस्तान सरकार और सेना आतंकवाद को बढ़ावा देने में प्रत्यक्ष भूमिका निभा रहे हैं.

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