ब्रह्मोस से भी तेज चलती है ये मिसाइल? रूस के इस कदम से दुनियाभर में टेंशन, क्या कुछ बड़ा होने वाला है?

    रूस, संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए सख्त प्रतिबंधों के बावजूद, उत्तर कोरिया को अत्याधुनिक सैन्य तकनीक और सहायता पहुंचा रहा है.

    This missile faster than Brahmos Russia
    ब्रह्मोस मिसाइल | Photo: ANI

    जब दुनिया यूक्रेन युद्ध और एशिया में बदलते समीकरणों को लेकर चिंतित है, उसी बीच रूस और उत्तर कोरिया के बीच तेज़ी से गहराते रक्षा संबंधों ने नई वैश्विक बेचैनी पैदा कर दी है. एक नई अंतरराष्ट्रीय निगरानी रिपोर्ट में हैरान करने वाला खुलासा हुआ है कि रूस, संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए सख्त प्रतिबंधों के बावजूद, उत्तर कोरिया को अत्याधुनिक सैन्य तकनीक और सहायता पहुंचा रहा है.

    ‘पैंटिर’ डिफेंस सिस्टम से लेकर इलेक्ट्रॉनिक जैमर तक

    दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, रूस ने नवंबर 2024 से उत्तर कोरिया को ‘पैंटिर’ एयर डिफेंस सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक जामिंग डिवाइसेज़ और अन्य सैन्य संसाधन भेजे हैं. पैंटिर एक मोबाइल शॉर्ट-रेंज डिफेंस सिस्टम है, जिसमें सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और तोपों का संयोजन होता है. यह सिस्टम दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को उड़ान भरते ही नष्ट कर सकता है. भले ही रेंज के मामले में ब्रह्मोस इससे आगे हो, लेकिन स्पीड के लिहाज से पैंटिर कहीं ज़्यादा खतरनाक माना जाता है. इसकी गति 3.2 मैक तक हो सकती है, जबकि ब्रह्मोस 3 मैक तक की रफ्तार पकड़ती है.

    हथियारों की अदला-बदली और प्रतिबंधों की धज्जियां

    रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने सितंबर 2023 से अब तक रूस को करीब 20,000 कंटेनरों में हथियार भेजे हैं, जिनमें 90 लाख से ज़्यादा आर्टिलरी राउंड, सैकड़ों मिसाइलें और एंटी-टैंक गाइडेड वेपन्स शामिल हैं. रूस ने इन हथियारों की आपूर्ति के लिए IL-76 और AN-124 जैसे सैन्य विमान इस्तेमाल किए हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि रूस ने उत्तर कोरिया की मिसाइल गाइडेंस तकनीक को बेहतर करने में भी मदद की है, जो कि संयुक्त राष्ट्र के नियमों का खुला उल्लंघन है — उन नियमों पर खुद रूस ने दस्तखत किए थे.

    तेल, श्रमिक और काले रास्ते की फंडिंग

    रिपोर्ट में बताया गया है कि रूस ने पिछले साल 1 मिलियन बैरल से अधिक कच्चा तेल उत्तर कोरिया को भेजा, जबकि यह सीमा आधिकारिक तौर पर 5 लाख बैरल सालाना तय है. इसके अलावा, लगभग 8,000 उत्तर कोरियाई श्रमिकों को रूस भेजा गया है, जो प्रतिबंधों के अनुसार गैरकानूनी है. इन सभी लेन-देन को अंजाम देने के लिए रूस और उत्तर कोरिया दक्षिण ओसेशिया जैसे विवादित इलाकों के जरिए फाइनेंशियल नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि निगरानी से बचा जा सके.

    क्यों है यह रिपोर्ट ज़रूरी?

    इस रिपोर्ट को तैयार किया है मल्टीनेशनल सिक्योरिटी मॉनिटरिंग टीम (MSMT) ने, जिसकी शुरुआत अक्टूबर 2023 में अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने मिलकर की थी. यह टीम अब 11 देशों की संयुक्त पहल बन चुकी है, जिसमें फ्रांस, ब्रिटेन, जापान और जर्मनी जैसे बड़े देश भी शामिल हैं. इसकी स्थापना इसलिए की गई क्योंकि रूस के वीटो के चलते संयुक्त राष्ट्र की विशेषज्ञ समिति को भंग करना पड़ा था.

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