भारत के पड़ोस में चलती है दुनिया की सबसे खतरनाक ट्रेन, बार-बार होता है हमला, रेल का अपहरण भी हो चुका

    शाही ट्रेनों की चर्चा आपने बहुत सुनी होगी, जैसे भारत की ‘पैलेस ऑन व्हील्स’ या यूरोप की ‘ओरिएंट एक्सप्रेस’, जो लग्जरी, आराम और सुरक्षा के प्रतीक हैं. लेकिन इस रिपोर्ट में बात हो रही है एक ऐसी ट्रेन की, जिसे आज की तारीख में दुनिया की सबसे खतरनाक ट्रेन कहा जा सकता है.

    The worlds most dangerous train runs in Indias neighborhood
    Image Source: Social Media

    नई दिल्ली: शाही ट्रेनों की चर्चा आपने बहुत सुनी होगी, जैसे भारत की ‘पैलेस ऑन व्हील्स’ या यूरोप की ‘ओरिएंट एक्सप्रेस’, जो लग्जरी, आराम और सुरक्षा के प्रतीक हैं. लेकिन इस रिपोर्ट में बात हो रही है एक ऐसी ट्रेन की, जिसे आज की तारीख में दुनिया की सबसे खतरनाक ट्रेन कहा जा सकता है. ये ट्रेन न केवल हमलों का निशाना बनी है, बल्कि इसका अपहरण भी हो चुका है, इस पर बमबारी हो चुकी है, और कई बार पटरी से उतारने की कोशिश भी की गई है.

    यह ट्रेन कोई काल्पनिक कहानी नहीं है, बल्कि पाकिस्तान में चल रही 'जफर एक्सप्रेस' है, जो पेशावर से क्वेटा के बीच करीब 1600 किलोमीटर की दूरी तय करती है. वर्ष 2025 में अब तक इस ट्रेन पर सात से अधिक बार हमले हो चुके हैं, जिनमें सैकड़ों यात्री घायल हुए हैं और कई लोगों की जानें भी गई हैं.

    जफर एक्सप्रेस: एक परिचय

    'जफर एक्सप्रेस' पाकिस्तान रेलवे की एक प्रमुख लंबी दूरी की यात्री ट्रेन है, जो उत्तर-पश्चिमी शहर पेशावर से चलकर दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान के क्वेटा शहर तक जाती है. यह ट्रेन ऐसे इलाकों से होकर गुजरती है जो विद्रोह, आतंकवाद और उग्रवाद के लिए कुख्यात हैं.

    इस मार्ग पर ट्रेन चलाना पाकिस्तान रेलवे और सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है, क्योंकि इसे बलूच अलगाववादी संगठनों द्वारा बार-बार निशाना बनाया जाता है.

    2025 में अब तक सात हमले

    वर्ष 2025 में जफर एक्सप्रेस पर हुए हमलों की संख्या और उनकी प्रकृति चौंकाने वाली है:

    • मार्च 2025: ट्रेन का अपहरण
    • बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) के उग्रवादियों ने बलूचिस्तान के बोलन इलाके में ट्रेन को रोककर 400 यात्रियों समेत ट्रेन को अगवा कर लिया.
    • यह संकट 30 घंटे तक चला, जिसमें पाकिस्तानी सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई.

    परिणाम: 33 उग्रवादी मारे गए, लेकिन साथ ही 23 पाकिस्तानी सैनिक, तीन रेलवे कर्मचारी और पांच यात्री भी मारे गए.

    अगस्त 2025: मस्तुंग में विस्फोट

    • मस्तुंग जिले में ट्रैक के नीचे लगाए गए बम से ट्रेन के 6 डिब्बे पटरी से उतर गए.
    • 4 यात्री घायल हुए.

    जुलाई 2025: सक्कर में हादसा

    शुरुआत में इसे बम विस्फोट माना गया, लेकिन जांच में पता चला कि तकनीकी खराबी की वजह से ट्रेन पटरी से उतरी थी.

    जून 2025: जैकोबाबाद में विस्फोट

    • रिमोट कंट्रोल से IED ब्लास्ट किया गया, जिससे ट्रेन के चार डिब्बे पटरी से उतर गए.
    • इस घटना में दर्जनों यात्री घायल हुए.

    अगस्त 2025: कोलपुर में गोलीबारी

    • कोलपुर स्टेशन के पास ट्रेन पर घात लगाकर गोलीबारी की गई.
    • ट्रेन में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की, लेकिन इस हमले से यात्रियों में भारी दहशत फैली.

    सितंबर 2025: सुल्तान कोट विस्फोट

    सिंध प्रांत में सुल्तान कोट स्टेशन के पास बम विस्फोट हुआ, जिसमें ट्रेन के चार डिब्बे पटरी से उतर गए.

    • घटना में 7 लोग घायल हुए.
    • अन्य छोटी घटनाएं और अलर्ट
    • पूरे साल के दौरान ट्रेन को लेकर कम से कम 10 हाई अलर्ट जारी किए गए हैं.
    • कई बार ट्रैक के नीचे संदिग्ध सामग्री मिलने पर सर्विस स्थगित करनी पड़ी है.

    क्यों है यह ट्रेन आतंकियों का निशाना?

    1. बलूचिस्तान से जुड़ाव

    यह ट्रेन पाकिस्तान के सबसे संवेदनशील और अस्थिर प्रांत बलूचिस्तान को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ती है.

    बलूचिस्तान, जो ईरान और अफगानिस्तान से सटा है, दशकों से अलगाववादी आंदोलनों और सशस्त्र संघर्षों का केंद्र रहा है.

    2. अलगाववादी संगठन सक्रिय

    बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA), बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स (BRG) और बलूच लिबरेशन फ्रंट (BLF) जैसे संगठन, बलूचिस्तान की आजादी की मांग करते हैं और राज्य संचालित ढांचे को निशाना बनाते हैं.

    रेलवे जैसी बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं पर हमला कर वे राज्य की मौजूदगी और नियंत्रण को चुनौती देते हैं.

    3. कनेक्टिविटी का प्रतीक

    जफर एक्सप्रेस, पाकिस्तान की केंद्र सरकार के लिए राष्ट्रीय एकता और संपर्क का प्रतीक है.

    यही वजह है कि विद्रोही गुट इसे राजनीतिक संदेश देने के लिए टारगेट करते हैं.

    यात्रियों के लिए डर का सफर

    इस ट्रेन से सफर करने वाले हजारों आम नागरिकों के लिए यह एक जरूरी सेवा है, क्योंकि यह क्षेत्र के कई दूरदराज गांवों और कस्बों को जोड़ती है, जहां सड़क संपर्क बेहद सीमित है.

    हालांकि, लगातार हो रहे हमलों और धमाकों ने यात्रियों के मन में गहरी दहशत बैठा दी है. कई यात्रियों ने सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया में बयान दिए हैं कि उन्हें हर यात्रा एक जुए जैसी लगती है, जहां यह नहीं पता कि ट्रेन गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचेगी भी या नहीं.

    ये भी पढ़ें- 'ग्लोबल इकोनॉमी का ग्रोथ इंजन है भारत, चीन की रफ्तार धीमी', IMF चीफ का दावा, ट्रंप का टैरिफ हुआ बेअसर