IndiGo संकट के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, चला दी 4 स्‍पेशल ट्रेनें, जोड़े गए 116 एक्‍स्‍ट्रा कोच

    देश में अचानक हवाई सेवाओं के बिगड़ने के बाद एक बार फिर भारतीय रेलवे यात्रियों का सबसे बड़ा सहारा बनकर सामने आया है.

    Railways runs special trains amid IndiGo crisis
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ FreePik

    देश में अचानक हवाई सेवाओं के बिगड़ने के बाद एक बार फिर भारतीय रेलवे यात्रियों का सबसे बड़ा सहारा बनकर सामने आया है. इंडिगो समेत कई एयरलाइनों की उड़ानें रद्द होने के बाद लाखों यात्रियों को अपनी यात्रा योजनाएँ बदलनी पड़ीं और उनका पहला विकल्प रेलवे बन गया. कुछ ही घंटों में ट्रेन टिकटों की मांग कई गुना बढ़ गई, कई प्रमुख रूटों पर सीटें मिनटों में फुल हो गईं और लंबी वेटिंग लिस्ट बन गई. यही कारण था कि रेलवे ने 6 दिसंबर 2025 से आपात कदम उठाते हुए देशभर में बड़ी व्यवस्थात्मक बदलाव किए.

    इन फैसलों में अतिरिक्त कोच जोड़ना, कई रूटों पर फेरे बढ़ाना और चार विशेष ट्रेनें चलाना शामिल है. इससे देश के अधिकांश हिस्सों में यात्रा व्यवस्था फिर से सामान्य होने लगी है.

    दक्षिण भारत में सबसे गंभीर स्थिति

    सबसे बड़ा असर दक्षिण भारत में देखने को मिला, जहाँ हवाई सेवाएँ बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई थीं. बेंगलुरु, चेन्नई, कोयंबटूर और तिरुवनंतपुरम जैसे शहरों में एयरलाइंस रद्दीकरण के बाद यात्रियों की भीड़ रेलवे स्टेशनों पर उमड़ पड़ी. स्थिति को संभालने के लिए दक्षिण रेलवे ने बड़े स्तर पर कार्रवाई की और 18 ट्रेनों में नए कोच जोड़े.

    कई रूटों पर स्लीपर कोच की संख्या बढ़ाई गई

    • चेयर कार और AC कोच जोड़े गए
    • जिन मार्गों पर भीड़ सर्वाधिक थी, वहाँ तुरंत अतिरिक्त सीटें उपलब्ध कराई गईं
    • इन कदमों ने दक्षिण भारत की यात्रा को सबसे पहले सामान्य बनाने में अहम भूमिका निभाई.
    • उत्तर रेलवे ने दिल्ली से जुड़े रूटों पर भीड़ कम की

    दिल्ली देश का सबसे बड़ा ट्रैवल हब है और उड़ानें रद्द होने से सबसे अधिक दबाव इसी सेक्टर पर देखा गया. यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उत्तर रेलवे ने 8 प्रमुख ट्रेनों में अतिरिक्त AC और चेयर कार कोच तत्काल प्रभाव से लगा दिए.

    इन ट्रेनों से दिल्ली आने-जाने वाले उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड के यात्रियों को बड़ी राहत मिली. खासकर ऑफिस और बिजनेस ट्रैवल करने वालों के लिए यह बदलाव बेहद महत्वपूर्ण रहा.

    दिल्ली–मुंबई रूट पर पश्चिम रेलवे ने कोच बढ़ाए

    देश के सबसे व्यस्त मार्ग—दिल्ली से मुंबई—पर यात्रियों का दबाव कई गुना बढ़ गया था. उड़ानें रद्द होने का सबसे तीखा असर इसी रूट पर दिखा, जहाँ टिकट मिलना लगभग असंभव हो चुका था. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पश्चिम रेलवे ने चार प्रमुख ट्रेनों में 3AC और 2AC कोच जोड़ दिए.

    नई व्यवस्था 6 दिसंबर से लागू हुई और उसी दिन से हजारों यात्रियों को सीट मिलना शुरू हो गया, जिससे मार्ग सामान्य होने लगा.

    पटना–दिल्ली मार्ग पर ECR ने चलाए 5 अतिरिक्त फेरे

    बिहार के यात्रियों पर भी उड़ान रद्द होने का बड़ा प्रभाव पड़ा. पटना–दिल्ली मार्ग पर सीटों का दबाव नियंत्रित करने के लिए पूर्व मध्य रेलवे ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया.

    • राजेंद्र नगर–नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में 6 से 10 दिसंबर तक पाँच विशेष फेरे चलाए गए
    • ट्रेन में 2AC कोच की संख्या बढ़ाई गई
    • इससे पटना और दिल्ली के बीच यात्रा करने वाले हजारों लोगों को बड़ी राहत मिली.

    पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में भी क्षमता बढ़ाई गई

    पूर्वी क्षेत्रों में भीड़ अचानक बढ़ने लगी तो ईस्ट कोस्ट रेलवे, ईस्टर्न रेलवे और नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे ने भी कदम उठाए.

    ईस्ट कोस्ट रेलवे के उपाय

    • ओडिशा से दिल्ली जाने वाली तीन प्रमुख ट्रेनों में
    • पाँच फेरे के दौरान अतिरिक्त AC कोच लगाए गए

    ईस्टर्न रेलवे

    • 7 और 8 दिसंबर को
    • तीन महत्वपूर्ण ट्रेनों में नए स्लीपर कोच जोड़े गए

    नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे

    • 6 से 13 दिसंबर के लिए
    • आठ-आठ अतिरिक्त फेरों की घोषणा, 3AC और स्लीपर कोचों में वृद्धि

    इससे पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा के यात्रियों की यात्रा सुचारू होने लगी.

    फंसे यात्रियों के लिए रेलवे ने चलाईं चार स्पेशल ट्रेनें

    उड़ान रद्द होने से कई शहरों में यात्री फंस गए थे, जिन्हें तत्काल राहत देने के लिए रेलवे ने चार विशेष ट्रेनें चलाईं. इनमें—

    • गोरखपुर–आनंद विहार स्पेशल ट्रेन
    • नई दिल्ली–मुंबई सेंट्रल स्पेशल सेवा
    • नई दिल्ली–श्रीनगर मार्ग के लिए विशेष वंदे भारत सेवा
    • हज़रत निज़ामुद्दीन–तिरुवनंतपुरम स्पेशल ट्रेन

    कई ट्रेनें एकतरफा चलाई गईं, ताकि फंसे यात्रियों को जल्द राहत मिल सके.

    रेलवे की त्वरित कार्रवाई क्यों जरूरी थी?

    जब एयरलाइनों ने बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करना शुरू किया, तब:

    • IRCTC पर बुकिंग दबाव रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया
    • कई प्रमुख ट्रेनें कुछ मिनटों में फुल हो गईं
    • वेटिंग लिस्ट तेजी से बढ़ने लगी

    दिल्ली, मुंबई, पटना, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे शहरों के स्टेशनों पर भीड़ बढ़ने लगी

    इस स्थिति में रेलवे की इन आपात व्यवस्थाओं ने:

    • हजारों अतिरिक्त सीटें उपलब्ध करवायीं
    • बड़े शहरों के बीच यात्रा को फिर से सुचारू किया
    • फंसे हुए यात्रियों को समय पर यात्रा करने का अवसर दिया
    • देशव्यापी यात्रा संकट को काफी हद तक कम कर दिया

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