रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे का समापन 5 दिसंबर की रात राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक शानदार स्टेट डिनर के साथ हुआ. यह भोज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजन किया गया था, जिसमें भारतीय परंपरा, संस्कृति और आतिथ्य को पूरी शान से प्रस्तुत किया गया. पुतिन की दो दिवसीय यात्रा के इस अंतिम कार्यक्रम ने भारत–रूस संबंधों की गर्मजोशी को एक नए अंदाज़ में सामने रखा.
डिनर में पूरी तरह भारतीय मेन्यू
राष्ट्रपति भवन में परोसा गया भोजन भारत की विविध रसोई का प्रतिनिधित्व करता था. पुतिन को यह बताने का विशेष प्रयास किया गया कि भारतीय व्यंजन सिर्फ मसालेदार नहीं होते, बल्कि स्वाद, सुगंध और परंपरा का अनोखा मिश्रण होते हैं.
सूप और स्टार्टर
कश्मीरी गुच्छी दून चेटिन – भरवां मशरूम जिन्हें कश्मीर की विशेष अखरोट चटनी के साथ प्रस्तुत किया गया
काले चने का शिकमपुरी कबाब
वेज झोल मोमोज – उत्तर-पूर्वी भारत की फ्लेवर वाली डिश जिसे हल्के झोल में परोसा जाता है
इन व्यंजनों ने इस बात को दर्शाया कि भारत का खानपान सिर्फ एक स्वाद नहीं, बल्कि अनेक संस्कृति का संगम है.
परोसी गई पारंपरिक भारतीय थाली
मुख्य कोर्स में पुतिन को एक शाकाहारी भारतीय थाली दी गई. इसमें शामिल थे—
थाली का उद्देश्य यह दिखाना था कि भारतीय भोजन की सुंदरता सिर्फ मसालों में नहीं, बल्कि प्राकृतिक स्वाद और संतुलित पोषण में भी है.
मिठाई में हलवा, कुल्फी और बंगाली संदेश
भारतीय डेज़र्ट हमेशा से अतिथियों को प्रभावित करते हैं. पुतिन के लिए परोसी गई मिठाइयों में थे—
इसके अलावा ताजे फलों का रस भी मेन्यू का हिस्सा रहा.
भोज के दौरान भारतीय संगीत की धुनें
भोजन के साथ एक विशेष संगीत प्रस्तुति भी रखी गई. राष्ट्रपति भवन की नौसेना बैंड और शास्त्रीय संगीतकारों के समूह ने अलग–अलग रागों की धुनें प्रस्तुत कीं, जिनमें शामिल थे—
इसके अलावा रूस का लोकप्रिय गीत ‘कालिंका’ और चैकोव्स्की की ‘नटक्रैकर सूट’ के अंश भी बजाए गए. शाम का सबसे दिलचस्प पल वह रहा जब कार्यक्रम में बॉलीवुड का गीत ‘फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’ भी सुनाया गया, जिसे पुतिन ने खास रुचि के साथ सुना.
भारत–रूस साझेदारी लगातार मजबूत- पुतिन
डिनर के दौरान रूसी राष्ट्रपति ने भारत–रूस संबंधों पर सकारात्मक टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि दोनों देशों की विशेष रणनीतिक साझेदारी पिछले वर्षों में और मजबूत हुई है.
उन्होंने बताया कि राजनीति, सुरक्षा, ऊर्जा, व्यापार, शिक्षा और तकनीक से जुड़े क्षेत्रों में व्यापक सहयोग पर दोनों देशों ने नई सहमति बनाई है.
पुतिन ने भारतीय कहावत “साथ चलो, साथ बढ़ो” का उद्धरण देते हुए कहा कि यही वाक्य भारत–रूस दोस्ती का वास्तविक अर्थ दर्शाता है. उन्होंने भरोसा जताया कि भारत की 2026 की BRICS अध्यक्षता के दौरान सहयोग और बढ़ेगा.
23वां भारत–रूस शिखर सम्मेलन दोस्ती का संदेश
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्टेट डिनर में पुतिन का स्वागत करते हुए कहा कि भारत–रूस रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होना दोनों देशों के संबंधों की विशेषता को दर्शाता है.
उन्होंने बताया कि 23वां भारत–रूस शिखर सम्मेलन द्विपक्षीय संबंधों का ऐसा दस्तावेज़ है, जो आने वाले वर्षों में सहयोग के नए रास्ते खोलेगा और मजबूत दिशा प्रदान करेगा.
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