टूरिस्ट वीजा, यूरिया प्रोडक्शन, यूक्रेन वॉर... मोदी और पुतिन के ज्वाइंट स्टेटमेंट की बड़ी बातें

    रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा अपने दूसरे दिन बेहद महत्वपूर्ण रहा. राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत, राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि और हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विस्तृत वार्ता इन सबके बाद दोनों नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी किया.

    Important points of joint statement of Modi and Putin
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ ANI

    रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा अपने दूसरे दिन बेहद महत्वपूर्ण रहा. राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत, राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि और हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विस्तृत वार्ता इन सबके बाद दोनों नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी किया. बयान में रणनीतिक साझेदारी, व्यापार, ऊर्जा सहयोग, खाद उत्पादन, वीज़ा सुविधा और वैश्विक सुरक्षा जैसे कई विषय शामिल थे.

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा ऐसे समय हो रही है जब दोनों देशों के संबंध कई ऐतिहासिक पड़ाव पार कर चुके हैं.

    25 वर्ष पहले पार्टनरशिप की नींव रखी गई

    उन्होंने याद दिलाया कि 25 वर्ष पहले पुतिन के नेतृत्व में भारत-रूस स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप की नींव रखी गई थी और 2010 में इसे स्पेशल एंड प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के स्तर पर उठाया गया था.

    मोदी ने कहा कि पिछले ढाई दशक में पुतिन की दीर्घदृष्टि और राजनीतिक नेतृत्व ने भारत-रूस संबंधों को “लगातार मजबूत और स्थिर” रखा है. उन्होंने पुतिन को “गहरा मित्र” बताते हुए विशेष रूप से धन्यवाद दिया.

    हमारी चर्चा बेहद सार्थक और रचनात्मक रही- पुतिन

    राष्ट्रपति पुतिन ने भारत द्वारा दिए गए गर्मजोशी भरे स्वागत की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि बातचीत मित्रता और भरोसे के माहौल में हुई और इसमें कई प्रमुख क्षेत्र शामिल थे.

    उनके अनुसार रूस और भारत के संबंध केवल राजनीतिक बयान नहीं हैं बल्कि इनके पीछे “बहुत मजबूत, वास्तविक और ऐतिहासिक आधार” है.

    भारत–रूस दोस्ती को ‘स्थिर ध्रुव तारा’ बताया

    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 80 वर्षों में दुनिया में कई बड़े राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संकट आए, लेकिन भारत-रूस की दोस्ती हमेशा स्थिर और भरोसेमंद रही- एक ध्रुव तारे की तरह.

    पुतिन ने भी कहा कि भारत और रूस के रिश्ते समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और दोनों देशों के बीच भरोसा अत्यंत गहरा है.

    2030 तक आर्थिक सहयोग का नया कार्यक्रम

    शिखर बैठक में दोनों देशों ने 2030 तक के आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर सहमति दी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम व्यापार और निवेश को अधिक व्यापक, संतुलित और टिकाऊ बनाएगा.

    दोनों नेताओं ने भारत–रूस बिजनेस फोरम में भाग लेने का भी उल्लेख किया, जिसे वे व्यापारिक सहयोग का ‘नया इंजन’ मानते हैं.

    कृषि और फर्टिलाइज़र क्षेत्र में विस्तृत सहयोग

    भारत और रूस ने कृषि उत्पादन, फूड सिक्योरिटी और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने पर सहमति जताई. विशेष रूप से:

    • दोनों देश यूरिया उत्पादन में संयुक्त रूप से काम करेंगे.
    • यह साझेदारी भारतीय किसानों और कृषि अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
    • यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ संभावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को भी आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया.

    आतंकवाद के खिलाफ साझा रुख

    प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत और रूस लंबे समय से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ रहे हैं. उन्होंने हाल ही में पहलगाम और मॉस्को के क्रोकस सिटी हॉल में हुए आतंकवादी हमलों की जड़ें समान बताते हुए कहा कि आतंकवाद मानवता पर सीधा आक्रमण है.

    UN, G20, BRICS और SCO जैसे मंचों पर भी दोनों देश सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग जारी रखेंगे.

    रूसी नागरिकों को मिलेगा ई-टूरिस्ट वीज़ा

    भारतीय प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि रूसी नागरिकों के लिए 30-दिन की फ्री ई-टूरिस्ट वीज़ा सुविधा जल्द शुरू होगी. इसके अलावा 30-दिन का ग्रुप टूरिस्ट वीज़ा भी जारी किया जाएगा. यह कदम सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यटन को बढ़ावा देगा.

    भारत–रूस व्यापार में 12% की वृद्धि

    राष्ट्रपति पुतिन ने बताया कि पिछले वर्ष दोनों देशों के बीच व्यापार में लगभग 12% वृद्धि दर्ज की गई. उनके अनुसार औसतन यह दोतरफा व्यापार 64 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुका है, जो एक नया रिकॉर्ड है. दोनों देशों ने भविष्य में इसे 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है.

    कुडनकुलम: सबसे बड़े न्यूक्लियर प्रोजेक्ट्स में एक

    पुतिन ने विशेष रूप से कहा कि रूस और भारत मिलकर कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्लांट का निर्माण कर रहे हैं, जो एशिया के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा प्रोजेक्ट्स में गिना जाता है.

    • कुल 6 रिएक्टर, प्रत्येक 1000 मेगावॉट क्षमता वाला
    • तीन रिएक्टर पहले से राष्ट्रीय ग्रिड से जुड़े
    • रिएक्टर 4, 5 और 6 निर्माण के विभिन्न चरणों में

    मोदी ने कहा कि सिविल न्यूक्लियर एनर्जी में यह साझेदारी दोनों देशों की स्वच्छ ऊर्जा प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाती है.

    अन्य क्षेत्रों में भी विस्तृत चर्चा

    दोनों नेताओं के बीच जिन विषयों पर आगे के सहयोग की उम्मीद व्यक्त की गई, उनमें शामिल हैं:

    • क्रिटिकल मिनरल्स
    • आर्कटिक और पोलर शिपिंग रूट्स
    • व्लादिवोस्तोक–चेन्नई समुद्री कॉरिडोर
    • सांस्कृतिक, शैक्षणिक और वैज्ञानिक सहयोग
    • कनेक्टिविटी परियोजनाएँ

    हस्ताक्षरित प्रमुख समझौते

    • कोऑपरेशन और माइग्रेशन पर समझौता
    • हेल्थकेयर और मेडिकल एजुकेशन पर समझौता
    • फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड्स सहयोग
    • मैरिटाइम और पोलर शिप्स पर कोऑपरेशन समझौता
    • फर्टिलाइज़र सहयोग समझौता

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