पान मसाला पर लगे टैक्स का इस्तेमाल सुरक्षा में होगा, निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बिल पर क्या बोला?

    लोकसभा ने शुक्रवार को ‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025’ को मंजूरी दे दी. इस विधेयक के तहत पान मसाला पर उपकर लगाने का प्रावधान है, और इसका उद्देश्य न केवल स्वास्थ्य संरक्षण बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक अतिरिक्त संसाधन जुटाना है.

    Health Protection to National Security Cess Bill passed in Lok Sabha
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ ANI

    लोकसभा ने शुक्रवार को ‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025’ को मंजूरी दे दी. इस विधेयक के तहत पान मसाला पर उपकर लगाने का प्रावधान है, और इसका उद्देश्य न केवल स्वास्थ्य संरक्षण बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक अतिरिक्त संसाधन जुटाना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह उपकर सामान्य वस्तुओं पर नहीं, बल्कि केवल हानिकारक उत्पादों पर लगाया जा रहा है.

    सदन में हुई चर्चा के दौरान कई संशोधनों का प्रस्ताव रखा गया, लेकिन सभी को खारिज कर विधेयक ध्वनिमत से पारित किया गया. वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह कोई नई व्यवस्था नहीं है, बल्कि पुराने क्षतिपूर्ति उपकर के ढांचे का विकल्प है.

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान

    वित्त मंत्री ने कहा कि कराधान का उद्देश्य हमेशा राजस्व जुटाना होता है ताकि राज्य और केंद्र सरकार विभिन्न क्षेत्रों में खर्च कर सकें. उन्होंने जोर देकर कहा कि आम वस्तुओं और आवश्यकताओं पर कर लगाने की कोई योजना नहीं है. उनका कहना था, "हम सिर्फ हानिकारक वस्तुओं पर उपकर लगा रहे हैं. पान मसाला जैसी चीज़ों पर यह उपकर राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होगा."

    उन्होंने यह भी बताया कि पिछले वर्षों में आयकर में व्यापक छूट दी गई है और 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कर लागू नहीं होता. साथ ही जीएसटी प्रणाली में भी बदलाव किए गए हैं, जिससे रोजमर्रा की वस्तुएँ किफायती बनी रहें.

    राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वास्थ्य पर फोकस

    वित्त मंत्री ने पान मसाला पर उपकर को राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जोड़ा. उन्होंने सदन को याद दिलाया कि पिछली यूपीए सरकार के दौरान कई दशकों तक रक्षा उपकरणों की खरीद पर देरी हुई थी. बोफोर्स मामले के बाद 30 वर्षों तक तोप और अन्य रक्षा सामग्री की खरीद पर रोक लगी, जिससे कई रक्षा परियोजनाएँ प्रभावित हुईं.

    सीतारमण ने कहा कि अब यह विधेयक ऐसे संसाधन जुटाने में मदद करेगा जो सीधे रक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में निवेश किए जाएंगे.

    उपकर की संरचना और राज्यों के हिस्से

    ‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025’ पान मसाला पर लगाए जाने वाले पुराने क्षतिपूर्ति उपकर का विकल्प है. इसके तहत—

    • उपकर केवल उन मशीनों और प्रक्रियाओं पर लगेगा जिनसे पान मसाला का निर्माण होता है.
    • उपकर से जुटाए गए संसाधन का एक हिस्सा राज्यों के साथ साझा किया जाएगा.

    निर्मला सीतारमण ने कहा कि उपकर कोई नई प्रणाली नहीं है. 2014 से पहले भी चार उपकर लगाए जाते थे, और इनके संग्रह की निगरानी कैग (CAG) करता है. इस बार भी राजस्व संग्रह का ट्रैक पारदर्शी रहेगा.

    जीएसटी प्रणाली और पान मसाला पर टैक्स

    वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस विधेयक से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) पर कोई असर नहीं पड़ेगा. पान मसाला पर पहले से लागू 40% जीएसटी जारी रहेगा.

    उन्होंने बताया कि 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए पांच वर्षों के लिए क्षतिपूर्ति उपकर की व्यवस्था की गई थी. इसे बाद में 31 मार्च 2026 तक बढ़ाया गया, और इसके संग्रह का उपयोग कोविड महामारी के दौरान राज्यों को हुए राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए किया जा रहा है.

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