इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान द्वारा भारतीय विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद करने का निर्णय अब उसी के लिए वित्तीय नुकसान का कारण बनता जा रहा है. सुरक्षा चिंताओं के चलते लिया गया यह कदम, जिसे शुरू में एक रणनीतिक "मास्टरस्ट्रोक" के रूप में प्रस्तुत किया गया था, अब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है.
रोजाना करोड़ों का संभावित नुकसान
विशेषज्ञों के अनुसार, 24 अप्रैल से पहले प्रतिदिन लगभग 100 से 150 भारतीय विमान पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से गुजरते थे. हर विमान पर औसतन 600 से 800 अमेरिकी डॉलर की शुल्क प्राप्ति के आधार पर, पाकिस्तान को रोजाना लगभग 87,500 डॉलर (यानी करीब 2.45 करोड़ पाकिस्तानी रुपये) की आमदनी होती थी.
हालांकि, एयरस्पेस प्रतिबंध लागू होने के बाद यह कमाई पूरी तरह रुक चुकी है. यदि यह स्थिति बनी रहती है, तो एक सप्ताह के भीतर ही पाकिस्तान को 17 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है.
भारतीय एयरलाइंस ने अपनाए वैकल्पिक मार्ग
भारत की प्रमुख एयरलाइंस कंपनियों ने पाकिस्तान के एयरस्पेस प्रतिबंध के बाद वैकल्पिक मार्गों का चयन किया है. हालांकि इससे ईंधन लागत और यात्रा समय में थोड़ी वृद्धि हुई है, लेकिन एयरलाइंस और यात्री इस अतिरिक्त खर्च को आसानी से वहन कर पा रहे हैं. इस फैसले ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भारत के पास लचीले और व्यावहारिक विकल्प उपलब्ध हैं.
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में गिरावट
वहीं पाकिस्तान के एयरस्पेस पर नजर डालें तो वहां विदेशी उड़ानों की संख्या में भी गिरावट देखी जा रही है. जहां भारत का हवाई क्षेत्र अब भी सैकड़ों विमानों की आवाजाही से व्यस्त है, वहीं पाकिस्तान के क्षेत्र में मुख्य रूप से घरेलू उड़ानें और कुछ गिनी-चुनी अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स ही नजर आ रही हैं.
वित्तीय दबाव में पाकिस्तान
वर्तमान परिस्थितियों में पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक चुनौतियों, उच्च महंगाई दर, और बढ़ते विदेशी ऋण से जूझ रहा है. ऐसे में रोजाना करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान सरकार के लिए नई चिंता का विषय बन गया है. विशेषज्ञ मानते हैं कि इस प्रकार के प्रतिबंध अल्पकालिक राजनीतिक लाभ के लिए लागू तो किए जा सकते हैं, लेकिन दीर्घकालिक आर्थिक प्रभाव को नजरअंदाज करना जोखिमपूर्ण हो सकता है.
ये भी पढ़ें- जमीन, पानी या आकाश... पाकिस्तान को हर जगह धूल चटा सकता है भारत! जानें दोनों देशों की मिलिट्री पावर