नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव की स्थिति बन गई है. इस हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया देने के संकेत दिए हैं. जहां जनता में गुस्सा और बदले की मांग तेज है, वहीं देश की सुरक्षा एजेंसियां और सेना हर संभावित परिदृश्य के लिए तैयार हैं. इस पृष्ठभूमि में भारत और पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं की तुलना करना आवश्यक हो जाता है, सिर्फ भावनात्मक प्रतिक्रियाओं से नहीं, बल्कि ठोस तथ्यों और रणनीतिक आधार पर.
थल सेना: संख्या और तकनीक में भारत की बढ़त
भारत की सेना विश्व की सबसे बड़ी सैन्य शक्तियों में से एक मानी जाती है. इसके पास लगभग 14.55 लाख सक्रिय सैनिक और 25 लाख से अधिक अर्धसैनिक बल हैं. आधुनिक टैंक, जैसे टी-90 भीष्म और अर्जुन, और मिसाइल प्रणालियाँ जैसे अग्नि-5 और ब्रह्मोस इसे तकनीकी बढ़त देती हैं.
वहीं पाकिस्तान की सेना में 6.5 लाख सक्रिय सैनिक हैं और उनके पास टैंक और रॉकेट लॉन्चरों की भी पर्याप्त संख्या है, लेकिन उन्नत हथियार प्रणालियों और ड्रोन्स की उपलब्धता की दृष्टि से वह पीछे है.
विशेषता भारत पाकिस्तान
सक्रिय सैनिक 14,55,550 6,54,000
टैंक 4,201 2,627
रॉकेट लॉन्चर 264 600
वायुसेना: भारत के पास तकनीकी बढ़त
भारतीय वायुसेना के पास 2,200 विमान हैं, जिनमें 633 फाइटर जेट्स (राफेल, सुखोई-30MKI, तेजस) शामिल हैं. आधुनिक निगरानी प्रणालियां जैसे AWACS, हेरॉन ड्रोन और एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम इसकी मारक क्षमता को और बढ़ाते हैं.
पाकिस्तान के पास 1,399 विमान हैं, जिनमें एफ-16 और जेएफ-17 थंडर जैसे फाइटर जेट्स शामिल हैं. हालांकि उनकी संख्या और तकनीकी अपग्रेड भारतीय वायुसेना से पीछे है.
नौसेना: वैश्विक स्तर पर भारत की मौजूदगी
भारतीय नौसेना एक ब्लू-वॉटर नेवी है, जो वैश्विक जलसीमा में अभियान चलाने में सक्षम है. इसमें दो विमानवाहक पोत (INS विक्रमादित्य और विक्रांत), 18 पनडुब्बियां, और ब्रह्मोस-युक्त युद्धपोत शामिल हैं.
वहीं पाकिस्तान की नौसेना सीमित दायरे में काम करती है (ग्रीन-वॉटर नेवी). उसके पास केवल 121 जहाज, 8 पनडुब्बियां हैं, और कोई विमानवाहक पोत नहीं है.
परमाणु शक्ति: रणनीति में अंतर
दोनों देशों के पास 170 से अधिक परमाणु हथियार हैं. लेकिन भारत की न्यूक्लियर ट्रायड क्षमता (जमीन, हवा और समुद्र से हमला) उसे रणनीतिक दृष्टि से बेहतर बनाती है. मिसाइल सिस्टम जैसे के-4 (पनडुब्बी-लॉन्च मिसाइल) और अग्नि-5 इसकी पुष्टि करते हैं.
पाकिस्तान की मिसाइल प्रणाली (जैसे शाहीन-3) क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए सक्षम है, लेकिन रणनीतिक गहराई में भारत से कमज़ोर है.
वैश्विक रैंकिंग और बजट
भारत का रक्षा बजट दुनिया में चौथे स्थान पर है, जबकि पाकिस्तान 12वें स्थान पर है. भारत की स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता, रणनीतिक साझेदारियां और तकनीकी नवाचार उसे वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण सैन्य शक्ति बनाते हैं.
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