भारत के साथ मिलकर शहबाज की 'हेकड़ी' तोड़ेगा तालिबान? पहलगाम हादसे पर पाकिस्तान को लेकर दिया ये बड़ा बयान

    दक्षिण एशिया की राजनीति में उस समय एक अप्रत्याशित मोड़ आया जब अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की खुलकर निंदा की.

    Taliban Shehbaz India Pakistan on Pahalgam incident
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    दक्षिण एशिया की राजनीति में उस समय एक अप्रत्याशित मोड़ आया जब अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की खुलकर निंदा की और न्याय की मांग की. यह घटना उस समय और भी चौंकाने वाली बन गई जब तालिबान के वरिष्ठ नेताओं ने पाकिस्तान की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए दोषियों को सख्त सजा दिलाने की बात कही.

    'ऐसे कृत्यों पर कड़ी कार्रवाई हो'

    22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया. इस हमले में 25 भारतीय नागरिकों समेत एक नेपाली पर्यटक की भी जान चली गई. इस नृशंस हमले की जिम्मेदारी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा जैसे कुख्यात आतंकी संगठन से जुड़ा माना जाता है. भारत ने इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ बताया है, जिसे इस्लामाबाद ने सिरे से खारिज कर दिया है.

    इस बीच, तालिबान के दोहा स्थित राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख और अफगानिस्तान के कतर में नामित राजदूत सुहैल शाहीन ने इस हमले को ‘निर्मम’ करार देते हुए कहा कि घटना की गहन जांच होनी चाहिए और असली अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए. उन्होंने स्पुतनिक इंडिया को दिए एक बयान में इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्र में शांति तभी संभव है जब ऐसे कृत्यों पर कड़ी कार्रवाई हो.

    'सहन नहीं किया जाना चाहिए'

    वहीं, अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहर बल्खी ने भी इस हमले की आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह की हिंसा पूरे क्षेत्र की स्थिरता को खतरे में डालती है. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह की घटनाओं को सहन नहीं किया जाना चाहिए और जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.

    तालिबान का यह रुख इसलिए भी अहम है क्योंकि हाल के दिनों में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्तों में काफी खटास आई है. दोनों देशों के बीच सीमा विवाद, आतंकी ठिकानों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप और कूटनीतिक तनाव जारी है.

    भारत और पाकिस्तान के बीच भी इस घटना के बाद हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं. भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया है और सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है. जवाब में पाकिस्तान ने शिमला समझौते को खत्म करने की चेतावनी दी है. वर्तमान हालात ऐसे हैं कि दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बनते दिख रहे हैं.

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