न्यूयॉर्क/नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने क्वाड (QUAD) विदेश मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा पर भारत की स्पष्ट और मजबूत नीति को दोहराया. उन्होंने कहा कि भारत को अपने नागरिकों की रक्षा का पूरा अधिकार है और जहां कहीं भी आतंकी गतिविधियां होंगी, भारत उन्हें निष्क्रिय करने का हक रखता है.
जयशंकर ने यह बयान न्यूयॉर्क में क्वाड समिट से इतर जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया से मुलाकात के बाद दिया. इस द्विपक्षीय बैठक में भारत-जापान रणनीतिक सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा हुई, खासकर बुनियादी ढांचे, निवेश और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता को लेकर.
'आतंकवाद के प्रति बर्दाश्त नहीं' की नीति
क्वाड बैठक के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने साफ शब्दों में कहा, "दुनिया को अब आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट रुख अपनाना होगा. आतंकियों और आतंकवाद के पीड़ितों को एक जैसा नहीं देखा जा सकता. भारत को अपने नागरिकों की सुरक्षा का पूरा हक है, और हम इस अधिकार का प्रयोग करते रहेंगे."
यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत हाल के कुछ आतंकी हमलों के बाद सक्रिय रूप से 'प्रोएक्टिव डिफेंस' रणनीति अपना रहा है.
चीन पर अप्रत्यक्ष प्रहार: स्वतंत्र इंडो-पैसिफिक की पैरवी
जयशंकर ने अपनी बात में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्रता, कानून का शासन और समान भागीदारी की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि, "हम ऐसा सिस्टम चाहते हैं जिसमें हर देश अपने सुरक्षा और विकास से जुड़े फैसले स्वतंत्र रूप से ले सके."
My remarks to the press before Quad Foreign Ministers’ meeting in Washington DC.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 1, 2025
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यह टिप्पणी चीन की बढ़ती आक्रामकता और विस्तारवादी नीति की पृष्ठभूमि में बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है. क्वाड के चारों सदस्य — भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया — पहले से ही इस क्षेत्र में चीन के रवैये को लेकर सतर्क हैं.
अगली क्वाड समिट भारत में, साझा एजेंडे पर जोर
जयशंकर ने यह भी पुष्टि की कि अगली क्वाड शिखर बैठक भारत में आयोजित होगी. उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि यह समिट नतीजों तक पहुंचे. हमारे पास कुछ उपयोगी प्रस्ताव हैं, और हमें विश्वास है कि हमारे क्वाड साझेदार भी ऐसे विचार लाएंगे जिनसे एकजुटता मजबूत हो."
क्वाड के ज़रिए भारत न केवल सामरिक संतुलन साध रहा है, बल्कि एक बहुपक्षीय मंच पर अपने नेतृत्व की भूमिका को भी स्थापित कर रहा है.
आतंकवाद वैश्विक शांति का दुश्मन- जयशंकर
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए जयशंकर ने आतंकवाद को वैश्विक शांति के लिए गंभीर और साझा खतरा बताया. उन्होंने कहा कि, "आतंकवाद कहीं भी, किसी भी रूप में हो, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. यह सिर्फ एक देश नहीं, बल्कि पूरे वैश्विक समुदाय की जिम्मेदारी है."
सामरिक संतुलन की दिशा में भारत का संदेश
जयशंकर की इस यात्रा और बयानों को केवल राजनयिक औपचारिकताओं के रूप में नहीं देखा जा रहा, बल्कि यह भारत की बदलती विदेश नीति का परिचायक है — जो अब कहीं अधिक आत्मविश्वासी, सक्रिय और स्पष्ट है. आतंकवाद, क्षेत्रीय दबाव और सामरिक सहयोग पर जयशंकर की मुखरता भारत के वैश्विक भूमिका को पुनर्परिभाषित कर रही है.
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