रूस ने अपनी समुद्री ताकत को एक नई दिशा देने की पहल शुरू कर दी है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2050 तक रूसी नौसेना के विकास के लिए एक व्यापक और दीर्घकालिक रणनीति को मंज़ूरी दे दी है. यह घोषणा राष्ट्रपति के सहयोगी और मेरीटाइम बोर्ड के अध्यक्ष निकोलाई पेत्रुशेव ने एक इंटरव्यू के दौरान की, जिसे रूसी मीडिया हाउस आर्ग्युमेंट्स एंड फैक्ट्स ने प्रकाशित किया.
रूस की मौजूदा नौसेना क्षमताओं का मूल्यांकन
पेत्रुशेव के अनुसार, यह रणनीति हालिया सैन्य अभियानों से मिले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है. इसमें रूस की मौजूदा नौसेना क्षमताओं का मूल्यांकन किया गया है, साथ ही यह भी विश्लेषण किया गया है कि भविष्य की वैश्विक सैन्य परिस्थितियों और समुद्री खतरों का रूस किस प्रकार से सामना करेगा.
उन्होंने कहा, “एक मजबूत और आधुनिक नौसेना का निर्माण तभी संभव है जब हमारे पास वैश्विक समुद्री परिदृश्य, बढ़ते सैन्य खतरों और राष्ट्रीय हितों की स्पष्ट समझ हो.” पुतिन द्वारा 30 मई को अनुमोदित इस रणनीतिक दस्तावेज़ में न केवल शांति काल बल्कि युद्ध जैसी स्थितियों में भी नौसेना की भूमिका, बेड़े की संरचना और आधुनिकीकरण के प्रमुख बिंदु शामिल हैं. इसमें अन्य वैश्विक शक्तियों की नौसैनिक क्षमताओं का तुलनात्मक विश्लेषण भी किया गया है.
पेत्रुशेव ने इस योजना को "एक निर्णायक दीर्घकालिक दस्तावेज़" करार दिया, जो यह स्पष्ट करता है कि वैश्विक समुद्री क्षेत्रों में रूस को अपने हितों की रक्षा के लिए कैसी नौसेनिक शक्ति की ज़रूरत है. हालांकि उन्होंने इस बारे में अधिक विवरण साझा नहीं किया. गौरतलब है कि रूस की नौसेना को अमेरिका और चीन के बाद तीसरा सबसे ताकतवर माना जाता है. लेकिन यूक्रेन युद्ध के दौरान रूसी नौसेना को कई चुनौतियों और असफलताओं का भी सामना करना पड़ा है. इसी के चलते रूस ने अपने रक्षा बजट में भारी इज़ाफा किया है, जो अब शीत युद्ध के दौर की तुलना में भी अधिक हो गया है.
रूस के पास फिलहाल 79 पनडुब्बियों का बेड़ा
ओपन-सोर्स डाटा के अनुसार, रूस के पास फिलहाल 79 पनडुब्बियों का बेड़ा है, जिसमें 14 परमाणु ऊर्जा चालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां शामिल हैं, और कुल 222 युद्धपोत हैं. इनकी तैनाती मुख्य रूप से उत्तरी बेड़े में की गई है, जो सेवेरोमोर्स्क स्थित बैरेंट्स सागर के किनारे पर स्थित है.
इससे पहले 11 अप्रैल को पुतिन ने ऐलान किया था कि आने वाले दस वर्षों में नौसेना के आधुनिकीकरण के लिए 8.4 ट्रिलियन रूबल (लगभग 100.5 अरब डॉलर) का निवेश किया जाएगा. उन्होंने कहा था कि बदलती वैश्विक परिस्थितियों और तेज़ी से बदलती तकनीकों के कारण "रूसी नौसेना की एक नई छवि" की आवश्यकता है.
पुतिन ने ज़ोर देकर कहा, “हमारी नौसेना के सामरिक परमाणु बलों में आधुनिक हथियारों की हिस्सेदारी 100 प्रतिशत है. हमें इसे बनाए रखना है और भविष्य में इसे और बेहतर बनाना है, ताकि हम अपनी समुद्री सीमाओं की रक्षा कर सकें और अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में अपने राष्ट्रीय हितों को मज़बूती से स्थापित कर सकें.”
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