भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच रूस ने क्षेत्रीय शांति बनाए रखने के लिए एक अहम कूटनीतिक पहल की है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने हाल ही में पाकिस्तानी उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार से फोन पर बात कर तनावपूर्ण हालात को लेकर चिंता जताई और यह स्पष्ट किया कि यदि दोनों देश तैयार हों, तो रूस मध्यस्थ की भूमिका निभाने को तैयार है.
रूसी विदेश मंत्रालय ने इस वार्ता की जानकारी साझा करते हुए कहा कि नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच गंभीर रूप से बिगड़ते संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया गया. बयान के मुताबिक, “रूस कश्मीर घाटी में हालिया आतंकी हमले के बाद उत्पन्न स्थिति को राजनीतिक तरीके से सुलझाने के प्रयास में सहयोग देने को इच्छुक है, बशर्ते भारत और पाकिस्तान दोनों की सहमति हो.”
पहलगाम हमले से उपजा तनाव बना चिंता का केंद्र
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे. हमलावरों ने योजनाबद्ध तरीके से निशाना बनाते हुए निहत्थे लोगों की पहचान कर उनकी हत्या की थी. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट को जिम्मेदार ठहराया है, जिसके चलते दोनों देशों के रिश्ते और भी अधिक तनावपूर्ण हो गए हैं.
भारत-पाकिस्तान को वार्ता की टेबल पर लाना चाहता है रूस
गौरतलब है कि इशाक डार से बातचीत से पहले लावरोव ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी संपर्क किया था, जहां उन्होंने संयम बरतने और कूटनीतिक समाधान की आवश्यकता पर बल दिया था. रूसी विदेश मंत्रालय ने अपने टेलीग्राम चैनल पर कहा, “मास्को इस बात को लेकर आश्वस्त है कि विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से हल किया जाना चाहिए और इसमें रूस अपनी भूमिका निभाने को तैयार है, यदि दोनों पक्ष इच्छुक हों.”
पाकिस्तान ने भारत के आरोपों को किया खारिज
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बताया कि इशाक डार ने बातचीत में भारत के "भड़काऊ बयानों और निराधार आरोपों" को सिरे से खारिज कर दिया. साथ ही, उन्होंने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने को “एकतरफा और गैरकानूनी” कदम बताया.
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