प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने शुक्रवार (4 अप्रैल 2025) को बैंकॉक में चल रहे BIMSTEC शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की. यह मुलाकात बांग्लादेश में अगस्त 2024 में हुए तख्तापलट के बाद प्रधानमंत्री मोदी और बांग्लादेश के शीर्ष नेतृत्व के बीच पहली मुलाकात थी.
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर भारत की चिंता
भारत ने इस बैठक के दौरान बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया. विदेश सचिव विक्रम मिस्री के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार के सभी मामलों की गहन जांच करेगी और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी. उन्होंने यह भी आह्वान किया कि माहौल खराब करने वाली किसी भी बयानबाजी से बचने की आवश्यकता है.
माहौल खराब करने वाली बयानबाजी पर भारत का विरोध
भारत ने बांग्लादेश को माहौल खराब करने वाली बयानबाजी से बचने की सलाह दी है. हाल ही में मोहम्मद यूनुस ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर विवादित बयान दिया था. यूनुस ने यह कहा था कि पूर्वोत्तर के राज्य "सेवन सिस्टर्स" के रूप में जाने जाते हैं और उन्हें समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है. उन्होंने बांग्लादेश को इस क्षेत्र में महासागर का एकमात्र संरक्षक बताते हुए इसे एक बड़ा अवसर और चीनी अर्थव्यवस्था के विस्तार का माध्यम कहा था. इस बयान पर भारत ने अपनी आपत्ति जताई है.
सीमा कानून के सख्त पालन पर चर्चा
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा पर कानून के सख्त क्रियान्वयन पर जोर दिया. उन्होंने विशेष रूप से रात के समय अवैध तरीके से सीमा पार करने की घटनाओं पर अंकुश लगाने की आवश्यकता पर चर्चा की. पीएम मोदी ने सीमा सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाने की बात की.
भारत-बांग्लादेश रिश्तों में तनाव
मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार बनने के बाद से भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में तल्खियां बढ़ी हैं. यूनुस ने कई बार विवादित बयान दिए हैं, जिन पर भारत ने अपनी चिंता व्यक्त की है. इन बयानों के चलते दोनों देशों के बीच संबंधों में असहमति उत्पन्न हुई है.