बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की आहट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो दिवसीय दौरे पर पार्टी नेताओं को साफ शब्दों में चेतावनी और दिशा दोनों दे दी है. उन्होंने साफ कर दिया कि संगठन की मजबूती बिना बूथ स्तर पर काम किए संभव नहीं है. पीएम मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं से ये भी कहा कि केवल अपने बेटा-बेटी मत करिए. कार्यकर्ता को भी आगे बढ़ाइए. राजनीति में परिवारवाद खत्म करिए.
"बूथ जीतेगा तभी सत्ता मिलेगी"
पटना स्थित भाजपा कार्यालय में वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि चुनाव सिर्फ भाषणों और चेहरों से नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर संगठन की मजबूती से जीते जाते हैं. उन्होंने कहा,
“अगर बूथ मजबूत नहीं है तो जीत का सपना देखना बेकार है.”
वंशवाद पर करारा वार
राजनीतिक परिवारवाद पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी में यह मानसिकता नहीं होनी चाहिए कि “अगर मैं नहीं तो मेरा बेटा या बेटी.” उन्होंने दो टूक कहा कि कार्यकर्ताओं की मेहनत को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.
“जो कार्यकर्ता सालों से काम कर रहे हैं, उनका हक पहले बनता है.”
सोशल मीडिया बना नया पैमाना
पीएम मोदी ने नेताओं को बताया कि अब पार्टी टिकट मांगने वालों को सोशल मीडिया पर सक्रिय रहना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि टिकट चाहने वाले उम्मीदवारों के पास कम से कम 50,000 फॉलोअर्स होने चाहिए. इसके अलावा, सरकार के सकारात्मक कार्यों को लोगों तक पहुंचाना और ‘मन की बात’ जैसे अभियानों में सक्रिय भागीदारी भी जरूरी है.
आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई भी बनाएं मुद्दा
उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति और पाकिस्तान की फजीहत को भी गांव-गांव तक पहुंचाना चाहिए.
“दुनिया में भारत की छवि बदली है, अब ये बातें लोगों को समझानी होंगी.”
समर्पण और संघर्ष की पार्टी
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने पार्टी के इतिहास और विरासत को याद करते हुए कहा कि बीजेपी चार पीढ़ियों के संघर्ष से यहां तक पहुंची है.
“धैर्य हमारी सबसे बड़ी पूंजी है. जो धैर्य रखता है, वही पार्टी में मान-सम्मान पाता है.”
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