दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए बर्बर आतंकी हमले ने पूरे देश को आक्रोश से भर दिया है. आम जनता से लेकर शीर्ष नेतृत्व तक, हर कोई इस हमले के पीछे जिम्मेदार तत्वों को कठोर सजा देने की मांग कर रहा है. इस दर्दनाक हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों की मौत का बदला लेने के लिए अब भारत निर्णायक कार्रवाई की तैयारी में जुट गया है. देश की राजधानी दिल्ली में सुरक्षा और रणनीति से जुड़ी अहम बैठकों का सिलसिला जारी है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद नेतृत्व कर रहे हैं.
भारत की जवाबी तैयारी में जुटी सरकार
हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए मंगलवार को एक अहम बैठक की, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहे. बैठक में पीएम मोदी ने आतंकियों के खिलाफ ठोस जवाबी कार्रवाई के लिए सेनाओं को पूरी छूट दे दी है. सूत्रों के मुताबिक, यह बैठक करीब 90 मिनट तक चली और इसमें यह स्पष्ट किया गया कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा.
बुधवार को पीएम मोदी देश की सुरक्षा और रणनीति से जुड़ी चार उच्च स्तरीय बैठकों की अध्यक्षता करने जा रहे हैं. इनमें कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS), कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA), और कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) के साथ पूर्ण कैबिनेट बैठक भी शामिल है. इन बैठकों के जरिए पाकिस्तान के खिलाफ संभावित कार्रवाई को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद जताई जा रही है.
पहले ही शुरू हो चुका है पाकिस्तान का डर
हमले के बाद से ही पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ गई है. पाकिस्तानी मीडिया और सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया है कि भारत अगले 24 से 36 घंटों में सैन्य कार्रवाई कर सकता है. यह भी कहा जा रहा है कि पाकिस्तान ने इस बाबत अपने मित्र देशों को सूचित किया है और कूटनीतिक स्तर पर सक्रियता बढ़ा दी है. वहीं, भारत की ओर से भी संकेत दिए गए हैं कि इस बार जवाब "मौका देखकर नहीं, मंशा बनाकर" दिया जाएगा.
राजनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर भी होगा वार
23 अप्रैल को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई पहली CCS बैठक में पाकिस्तान पर कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बढ़ाने के उपायों पर चर्चा हुई थी. इसमें सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार, अटारी बॉर्डर को अस्थायी रूप से बंद करने, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा पर रोक और देश में मौजूद पाक नागरिकों को वापस भेजने जैसे फैसले लिए गए थे. अब CCEA के जरिए पाकिस्तान पर आर्थिक प्रतिबंधों की दिशा में आगे कदम बढ़ाए जाने की संभावना है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत का समर्थन
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य देशों से बात की और पहलगाम हमले के दोषियों को सजा दिलाने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया. इसी दौरान, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी भारत और पाकिस्तान दोनों से बात की और हमले की कड़ी निंदा की.
बड़ा संदेश, बड़ा एक्शन
पीएम मोदी की ओर से सेना को खुली छूट दिए जाने और लगातार चल रही उच्च स्तरीय बैठकों से यह संकेत स्पष्ट है कि भारत अब कड़ी प्रतिक्रिया देने के मूड में है. इस बार सिर्फ सैन्य मोर्चे पर ही नहीं, कूटनीति और अर्थव्यवस्था के स्तर पर भी पाकिस्तान को कीमत चुकानी पड़ सकती है.
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