हरियाणा के पानीपत से देश की सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. एक स्थानीय फैक्ट्री में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम कर रहा युवक पाकिस्तान के लिए जासूसी करता पकड़ा गया है. जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी का संपर्क पाकिस्तानी आतंकी इकबाल से था और वह भारत की खुफिया जानकारी वॉट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया एप्स के माध्यम से पाकिस्तान भेज रहा था.
संदिग्ध गतिविधियों से हुआ भंडाफोड़
पानीपत पुलिस ने आरोपी के मोबाइल नंबर से संदिग्ध गतिविधियों को ट्रेस किया और तुरंत एक्शन लेते हुए उसे हिरासत में ले लिया. शुरुआती जांच में उसकी पहचान नौमान इलाही (24 वर्ष) के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कैराना कस्बे का रहने वाला है. वह हाल ही में अपनी बहन के पास पानीपत आया था और यहां की एक फैक्ट्री में गार्ड की नौकरी कर रहा था.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी सतर्कता में हुआ खुलासा
सूत्रों के मुताबिक, 6-7 मई की रात भारत द्वारा की गई 'ऑपरेशन सिंदूर' एयर स्ट्राइक के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने हाई अलर्ट मोड में संदिग्धों की निगरानी शुरू कर दी थी. इसी दौरान नौमान इलाही के नंबर से पाकिस्तान से संपर्क की बात सामने आई, जिसके बाद उसके मोबाइल की गहन जांच की गई. जांच में यह सामने आया कि वह पाकिस्तानी आतंकी इकबाल के लगातार संपर्क में था और सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां साझा कर रहा था.
नौकरी या छलावा?
पुलिस को शक है कि पानीपत की फैक्ट्री में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी सिर्फ एक आवरण थी, जिसके पीछे उसका असली उद्देश्य देश की सुरक्षा संबंधी गतिविधियों पर नजर रखना और उन्हें पाकिस्तान तक पहुंचाना था. पूछताछ में नौमान ने बताया कि उसे यह नौकरी प्रयागराज निवासी रजनीश तिवारी नामक व्यक्ति के जरिए मिली थी, जो एक सिक्योरिटी एजेंसी चलाता है.
पारिवारिक पृष्ठभूमि और बीते 4 महीने का रहस्य
पुलिस को दी जानकारी में नौमान ने बताया कि उसके माता-पिता का देहांत करीब 5 साल पहले हो गया था. उसकी बहन की शादी पानीपत के हॉली कॉलोनी में हुई है और वह पिछले 4 महीनों से वहीं रह रहा था. अब सवाल उठ रहा है कि इतने कम समय में वह आतंकी नेटवर्क के संपर्क में कैसे और कब आया?
पूछताछ जारी, और भी खुलासे संभव
फिलहाल पानीपत पुलिस की CIA यूनिट द्वारा नौमान से गहन पूछताछ की जा रही है. अभी तक यह साफ नहीं है कि उसने किस प्रकार की जानकारियां पाकिस्तान को भेजीं, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि वह लंबे समय से आतंकी नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है. आने वाले दिनों में इस मामले में और बड़े खुलासे संभव हैं.
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