'या अल्लाह हमारी कौम कमजोर है, बचा ले', ऑपरेशन सिंदूर के बाद रोने लगे पाकिस्तानी सांसद, देखें वीडियो

    भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के प्रभाव केवल सीमाओं तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि इसका सीधा असर पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति और संसद में भी देखने को मिला है.

    Pakistani MP started crying after Operation Sindoor
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- X

    इस्लामाबाद: भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के प्रभाव केवल सीमाओं तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि इसका सीधा असर पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति और संसद में भी देखने को मिला है. हाल ही में पाकिस्तानी संसद में एक सत्र के दौरान पूर्व सैन्य अधिकारी और सांसद रिटायर्ड मेजर ताहिर इकबाल की भावनात्मक अपील ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद उनकी दर्दभरी आवाज़ और अल्लाह से की गई दुआएं पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति को लेकर अंदरूनी चिंता को उजागर करती हैं.

    अब केवल अल्लाह ही हमें बचा सकते हैं

    संसद के पटल पर बोलते हुए ताहिर इकबाल ने एक भावनात्मक और धार्मिक अपील की, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान की वर्तमान हालत को "कमजोर और असहाय" बताया. उन्होंने कहा: "हमारी कौम कमजोर है. अब वक्त है कि सब मिलकर अपने रब से दुआ करें. यह मुल्क आपकी ही नेमत है, ऐ रब्बे काबा इसकी हिफाजत फरमा."

    उनकी इस अपील में न केवल एक धार्मिक आस्था की झलक थी, बल्कि एक सैनिक के रूप में अपनी मातृभूमि के लिए चिंता भी स्पष्ट दिखाई दी. वह अपनी बात कहते-कहते इतने भावुक हो गए कि उनकी आवाज़ कांपने लगी और आंखें नम हो गईं.

    ऐतिहासिक घटनाओं का हवाला

    मेजर इकबाल ने अपने भाषण में पाकिस्तान के निर्माण से जुड़ी कुछ धार्मिक घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि "यह देश अल्लाह की रहमत से बना है और वही इसकी रक्षा करेगा." उन्होंने इस्लामी मान्यताओं और ऐतिहासिक ख्वाबों का उल्लेख करते हुए पाकिस्तान की आत्मा को एक "दुआओं का फल" बताया.

    आत्ममंथन और आत्मसमर्पण की भावना

    उन्होंने पाकिस्तान की समस्याओं को आत्मविश्लेषण के नजरिये से देखा और स्वीकार किया कि देश ने गलतियां की हैं. उन्होंने कहा: "हम मजबूर हैं, हम गुनहगार हैं. लेकिन अल्लाह की रहमत अगर हमारी तरफ हो तो हम संभल सकते हैं. हमें रहमत का एक जर्रा भी मिल जाए तो जीत हमारी होगी."

    उनकी यह बात दर्शाती है कि मौजूदा तनावपूर्ण हालात के बीच पाकिस्तान में राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर आत्ममंथन शुरू हो गया है.

    संसद में छाया गहरा मौन

    इस पूरे संबोधन के दौरान पाकिस्तानी संसद में एक असामान्य सा सन्नाटा देखा गया. विपक्षी और सत्तारूढ़ दोनों खेमों ने मेजर इकबाल की बातें गंभीरता से सुनीं. कुछ सदस्यों की आंखों में भी भावनाएं छलक आईं. यह क्षण केवल एक राजनेता के उद्गार नहीं थे, बल्कि एक पूरे राष्ट्र की अनिश्चितता और असहायता का आईना था.

    भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद उठे सवाल

    भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिरता, राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति और अंतरराष्ट्रीय छवि को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं. जबकि पाकिस्तान वैश्विक मंचों पर समर्थन जुटाने की कोशिश में है, वहीं उसके भीतर से ऐसी भावुक आवाज़ें यह संकेत दे रही हैं कि देश के भीतर भी नेतृत्व और नीतियों पर पुनर्विचार की आवश्यकता महसूस की जा रही है.

    ये भी पढ़ें- 'हमने पाकिस्तान के रडार सिस्टम को निशाना बनाया', विदेश मंत्रालय ने बताया भारत ने क्यों लिया ये फैसला