पाकिस्तानी नागरिक, फर्जी पहचान, और करोड़ों का पासपोर्ट रैकेट... 7 PAK अवैध घुसपैठियों की खोज में लगी ED

    ED Indian Passport: एक फर्जी बांग्लादेशी आईडी से शुरू हुआ खेल, अब भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिरदर्द बन चुका है. पश्चिम बंगाल में चल रहे करोड़ों रुपये के फर्जी पासपोर्ट रैकेट की तह तक पहुंचते-पहुंचते अब जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) उन 7 पाकिस्तानी नागरिकों का पता लगाने में जुट गई है, जिन्होंने इस जाल के ज़रिए भारतीय पासपोर्ट हासिल कर लिए.

    Pakistani citizens fake identities passport racket worth crores ED hunt 7 illegal Pakistani infiltrators
    Image Source: Social Media/X

    ED Indian Passport: एक फर्जी बांग्लादेशी आईडी से शुरू हुआ खेल, अब भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिरदर्द बन चुका है. पश्चिम बंगाल में चल रहे करोड़ों रुपये के फर्जी पासपोर्ट रैकेट की तह तक पहुंचते-पहुंचते अब जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) उन 7 पाकिस्तानी नागरिकों का पता लगाने में जुट गई है, जिन्होंने इस जाल के ज़रिए भारतीय पासपोर्ट हासिल कर लिए.

    इस रैकेट की जड़ में हैं दो अहम किरदार, इंदु भूषण हलदर, जो तकनीकी ऑपरेटर था, और आजाद मलिक, जो मूल रूप से पाकिस्तान का नागरिक है और इस गिरोह का बिचौलिया माना जा रहा है.

    कैसे हुआ पर्दाफाश?

    यह मामला सबसे पहले पश्चिम बंगाल पुलिस के संज्ञान में तब आया जब बीते वर्ष के अंत में कुछ संदिग्ध दस्तावेज़ों और हवाला गतिविधियों की जानकारी मिली. बाद में मामला मनी लॉन्ड्रिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ता दिखाई दिया, तो इसे ED ने टेकओवर कर लिया.

    ED की जांच में अब तक करीब 250 संदिग्ध पासपोर्ट सामने आए हैं. इनमें वे सात पासपोर्ट भी शामिल हैं जो पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए, सब कुछ नकली दस्तावेज़ों के आधार पर. इस गिरोह ने भारत की पहचान प्रणाली में तकनीकी खामियों का जमकर फायदा उठाया.

    मास्टरमाइंड कैसे करते थे खेल?

    आजाद मलिक, जो पहले पाकिस्तान का नागरिक था, सबसे पहले फर्जी बांग्लादेशी पहचान बनाता है. इसके बाद जाली भारतीय दस्तावेज तैयार कर, खुद को भारतीय बताकर पासपोर्ट बनवाता है. इसी फॉर्मूले का इस्तेमाल कर वो दूसरे पाकिस्तानी नागरिकों को भी भारतीय पहचान दिलवाता है. तकनीकी ऑपरेटर इंदु भूषण हलदर इन सभी जाली दस्तावेजों के ज़रिए भारतीय पासपोर्ट बनवाने में मदद करता है, और बदले में लाखों रुपये वसूलता है. सूत्रों के अनुसार, मलिक के ग्राहकों से हलदर ने करीब 2 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की.

    अब तक की कार्रवाई क्या हुई?

    हलदर को पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के चकदाहा से गिरफ्तार किया गया है. वह इस समय न्यायिक हिरासत में है. मलिक को अप्रैल में ही गिरफ्तार किया गया था और वह भी जेल में है. ED इस नेटवर्क की अंतरराष्ट्रीय कड़ियों की भी जांच कर रही है, क्योंकि यह गिरोह हवाला और अवैध फंडिंग से भी जुड़ा हो सकता है.

    राष्ट्रीय सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    भारत में फर्जी दस्तावेज़ों के ज़रिए विदेशी नागरिकों को पासपोर्ट जारी होना केवल इमिग्रेशन सिस्टम की विफलता नहीं, बल्कि सीधी राष्ट्रीय सुरक्षा की चूक है. यह रैकेट न सिर्फ आर्थिक अपराध था, बल्कि इसके तार आतंकवादी गतिविधियों या जासूसी नेटवर्क से भी जुड़ सकते हैं, ऐसा आशंका अधिकारियों ने जताई है.

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