इस्लामाबाद/काबुल: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर हाल के दिनों में हिंसा और तनाव तेजी से बढ़ता जा रहा है. पाकिस्तान ने अब पहली बार खुलकर अफगानिस्तान के भीतर सैन्य कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. यह बयान तब आया है जब हाल ही में पाकिस्तान और अफगान बलों के बीच झड़प में कथित तौर पर पाकिस्तान के 50 से ज्यादा सैनिक मारे गए और कई चौकियों से उन्हें पीछे हटना पड़ा.
क्यों भड़का पाकिस्तान?
पाकिस्तानी सेना का आरोप है कि अफगानिस्तान की सरज़मीं पर मौजूद आतंकी गुट, विशेष रूप से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), पाकिस्तानी सीमा में घुसकर हमले कर रहे हैं. इस्लामाबाद का कहना है कि अफगान तालिबान सरकार इन समूहों को या तो रोक नहीं पा रही है या फिर जानबूझकर उन्हें संरक्षण दे रही है.
शनिवार की रात हुई भारी गोलीबारी के बाद पाकिस्तान ने एक बयान में कहा है कि अगर भविष्य में अफगानिस्तान से संचालित कोई भी आतंकी समूह पाकिस्तान की धरती पर हमला करता है, तो जवाब में पाकिस्तानी सेना सीधे अफगानिस्तान के भीतर घुसकर कार्रवाई करेगी.
अब तक की कार्रवाई
पाक सेना के अनुसार, उन्होंने शनिवार की रात अफगान बलों की ओर से हुई गोलीबारी का जवाब देते हुए सीमावर्ती इलाकों में कई आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया है. इसमें कथित तौर पर आतंकी प्रशिक्षण शिविर, कमांड सेंटर और लॉजिस्टिक सपोर्ट पॉइंट शामिल थे. हालांकि सेना का यह भी कहना है कि यह प्रतिक्रिया अभी "सीमित" थी, लेकिन आगे से कार्रवाई कहीं अधिक गंभीर और व्यापक हो सकती है.
अफगानिस्तान की प्रतिक्रिया
अफगान तालिबान सरकार ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन अफगान सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, सीमा पर संघर्ष की शुरुआत पाकिस्तान की ओर से हुई थी. वहीं, कुछ विश्लेषकों का कहना है कि अफगान तालिबान अपने देश में TTP जैसे गुटों को नियंत्रित करने में पूरी तरह सफल नहीं हो पा रहे हैं.
क्या युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं दोनों देश?
क्षेत्रीय विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की चेतावनी महज़ गीदड़भभकी नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच बड़े टकराव का संकेत हो सकता है. पाकिस्तान की सेना को हाल के महीनों में बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में बार-बार आतंकी हमलों का सामना करना पड़ा है, और वह अब इन हमलों के लिए सीधा दोष अफगानिस्तान को दे रही है.
पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार, भविष्य में किसी भी प्रकार के आतंकी हमले को पाकिस्तान अब केवल "आंतरिक सुरक्षा मुद्दा" नहीं मानेगा, बल्कि इसे एक सीमापार आक्रामकता की तरह देखा जाएगा और उसका जवाब भी उसी स्तर पर दिया जाएगा.
पाकिस्तान का बयान
एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी ने एक मीडिया समूह से बात करते हुए कहा, "तालिबान ने हमला कर बड़ी गलती की है. अब हम अपने दुश्मनों को कंधार से लेकर काबुल तक ढूंढ निकालेंगे. हम अब अपनी रणनीति बदल चुके हैं. कूटनीति के साथ-साथ अब सैन्य दबाव भी बनाएंगे."
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