इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सेना वर्तमान में एक चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रही है, जहां गोला-बारूद की उपलब्धता बेहद सीमित बताई जा रही है. विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के पास केवल चार दिनों तक सक्रिय युद्ध संचालन के लिए पर्याप्त हथियार और गोला-बारूद मौजूद हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति यूक्रेन को भारी मात्रा में हथियार निर्यात करने और घरेलू उत्पादन की सीमाओं के कारण उत्पन्न हुई है.
तोपखाने के गोला-बारूद की कमी
पाकिस्तान की सैन्य नीति लंबे समय से तोपखानों और बख्तरबंद टुकड़ियों पर आधारित रही है, लेकिन वर्तमान में सेना के पास आवश्यक हथियारों की भारी कमी देखी जा रही है. खासकर 155 मिमी तोप के गोले और 122 मिमी रॉकेट्स की उपलब्धता सीमित हो गई है.
इस मुद्दे को 2 मई 2025 को आयोजित कोर कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में प्रमुखता से उठाया गया, जहां वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने चिंता जताई और तात्कालिक समाधान खोजने की आवश्यकता पर बल दिया.
यूक्रेन को निर्यात और उत्पादन संकट
रिपोर्टों के अनुसार, 2022 के बाद से पाकिस्तान ने यूक्रेन को लगभग 2.3 लाख से अधिक 155 मिमी गोले और अन्य सैन्य उपकरण निर्यात किए. यह निर्यात पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री (POF) की उत्पादन क्षमता पर भारी दबाव बनाता गया, जिससे घरेलू स्टॉक की पूर्ति संभव नहीं हो पाई.
हालांकि सीमावर्ती इलाकों में गोला-बारूद डिपो स्थापित किए गए हैं, लेकिन खुफिया रिपोर्टों के अनुसार इनका भंडार भी तेजी से घटता जा रहा है.
पूर्व सैन्य प्रमुख ने भी जताई चिंता
पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल (रिटायर्ड) कमर जावेद बाजवा पहले ही सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार कर चुके हैं कि पाकिस्तान के पास सीमित सैन्य संसाधन हैं और वह दीर्घकालिक संघर्ष की स्थिति में टिक नहीं सकता.
अब्दाली मिसाइल का सफल परीक्षण
भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के मद्देनज़र पाकिस्तान ने हाल ही में 'अब्दाली' बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया. यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल लगभग 450 किलोमीटर की रेंज में मार कर सकती है और इसे पारंपरिक हथियारों के साथ-साथ सामरिक उपयोग के लिए भी डिज़ाइन किया गया है.
सरकारी बयान में कहा गया है कि यह परीक्षण 'इंडस एक्सरसाइज़' के तहत किया गया और इसका उद्देश्य आधुनिक नेविगेशन सिस्टम की सटीकता और सैनिकों की युद्ध तैयारी का मूल्यांकन करना था.
भारत और पाकिस्तान की सैन्य ताकत
ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 के अनुसार, भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति है, जबकि पाकिस्तान 12वें स्थान पर है. इसके अलावा स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में भारत का रक्षा बजट 86.1 अरब डॉलर था, जो पाकिस्तान के 10.2 अरब डॉलर के मुकाबले लगभग नौ गुना अधिक है.
मिलिट्री वॉच मैगज़ीन भारत को "टियर-2" सैन्य शक्ति और पाकिस्तान को "टियर-3" श्रेणी में वर्गीकृत करता है, जिससे दोनों देशों के रक्षा संसाधनों और क्षमताओं का अंतर स्पष्ट होता है.
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