चीन के बाद अब अमेरिका के पैरों में गिरा पाकिस्तान, शहबाज सरकार मांग रही एयर डिफेंस सिस्टम की भीख

    भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के भीतर मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया. इतना ही नहीं, जब पाकिस्तान ने जवाबी हमला करने की कोशिश की, तो भारत ने उसकी 11 सैन्य चौकियों को भी निशाना बनाते हुए नेस्तनाबूद कर दिया.

    Pakistan request to america for advance air defence request
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    Air defense system: भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर सीमा पर तनाव ने नया मोड़ ले लिया है. लेकिन इस बार भारत ने अपने अद्भुत सैन्य कौशल और रणनीतिक चातुर्य से न सिर्फ पाकिस्तान को करारा जवाब दिया, बल्कि उसके झूठे दावों की असलियत भी पूरी दुनिया के सामने ला दी. ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने जिस सटीकता और ताकत के साथ कार्यवाही की, उसने पाकिस्तान के सैन्य ढांचे को हिला कर रख दिया है.

    भारत ने तबाह किए पाक के आतंकी अड्डे

    इस सैन्य कार्रवाई के दौरान भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के भीतर मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया. इतना ही नहीं, जब पाकिस्तान ने जवाबी हमला करने की कोशिश की, तो भारत ने उसकी 11 सैन्य चौकियों को भी निशाना बनाते हुए नेस्तनाबूद कर दिया. भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम की ताकत और अत्याधुनिक हथियारों के सामने पाकिस्तान पूरी तरह लाचार नजर आया.

    अमेरिका से भीख मांग रहा पाकिस्तान

    इस करारी शिकस्त के बाद पाकिस्तान की हालत यह हो गई है कि वह अब हथियारों की भीख मांगने अमेरिका तक पहुंच चुका है. एक 13 सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने वॉशिंगटन में जाकर अमेरिकी प्रशासन से उन्नत हथियार प्रणाली की मांग की. पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री मुसादिक मलिक ने खुद माना कि भारत ने 80 फाइटर जेट्स और 400 मिसाइलों के साथ हमला किया था, जिनमें कुछ परमाणु क्षमता वाली मिसाइलें भी शामिल थीं. उन्होंने ये भी कहा कि यदि पाकिस्तान के पास एयर डिफेंस न होता तो वे मलबे में दब गए होते. उन्होंने कहा कि भारत जो तकनीक इस्तेमाल कर रहा था, वह बहुत एडवांस है. इसलिए, हम कहते हैं कि वो तकनीकें हमें दो, हम तुमसे खरीद लेंगे.

    शहबाज के दावों की खुली पोल

    यह बयान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के उन झूठे दावों की पोल खोलता है, जिसमें उन्होंने हालिया संघर्ष में जीत का दावा किया था. शरीफ सरकार ने सेना प्रमुख आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल की उपाधि देकर अंदरूनी माहौल को मजबूत करने की कोशिश की, लेकिन हकीकत खुद उनके मंत्री के बयान से सामने आ गई.

    दूसरी ओर, भारत ने इस अवसर को कूटनीतिक रूप से भी भुनाया. भारत ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अगुवाई में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका भेजा, ताकि वैश्विक समर्थन और सहयोग को और मजबूत किया जा सके. पाकिस्तान ने भी बिलावल भुट्टो जरदारी को वॉशिंगटन और एक अन्य टीम को मास्को भेजा, लेकिन उन्हें कोई खास समर्थन नहीं मिला.

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