एशिया में उभरते सुरक्षा समीकरणों के बीच भारत और पाकिस्तान ने अपने-अपने बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को तेजी से आगे बढ़ाया है. जहां भारत की ‘प्रलय’ मिसाइल पारंपरिक युद्धक्षमता के साथ सीमावर्ती अभियानों में निर्णायक भूमिका निभा सकती है, वहीं पाकिस्तान की ‘नस्र’ मिसाइल को एक सामरिक परमाणु हथियार के रूप में विकसित किया गया है. आइए जानते हैं इन दोनों मिसाइलों की क्षमताओं और रणनीतिक उपयोग की तुलना:
DRDO द्वारा तैयार की गई प्रलय मिसाइल एक स्वदेशी शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) है, जो भारतीय सेना और वायुसेना की युद्ध-प्रतिक्रिया क्षमता को बढ़ाने के लिए तैयार की गई है.
भारत की प्रलय मिसाइल: तेज, लचीली और विनाशकारी
पाकिस्तान की नस्र मिसाइल: सीमित दूरी, परमाणु इरादा
पाकिस्तान की नस्र मिसाइल को एक सामरिक परमाणु हथियार के रूप में 2000 के दशक के मध्य में विकसित किया गया था. इसे चीन के WS-2 निर्देशित रॉकेट से प्रेरित माना जाता है. मारक क्षमता: 60–70 किलोमीटर, पेलोड: लगभग 1200 किलोग्राम, लंबाई: 6 मीटर, प्रणाली: सॉलिड-प्रोपेलेंट ईंधन, गाइडेंस: इनर्शियल GPS आधारित, परमाणु क्षमता: हां (टैक्टिकल न्यूक्लियर वॉरहेड). 2011 में इसके पहले परीक्षण के बाद यह मिसाइल 2013 में पाकिस्तान की सेना के बेड़े में शामिल की गई. नस्र को भारतीय कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन का जवाब माना जाता है, ताकि सीमावर्ती इलाकों में भारत के किसी भी त्वरित अभियान को परमाणु जवाब से रोका जा सके.
रणनीतिक तुलना: कौन किससे आगे?
यह भी पढ़ें: 'मुझे कोई परवाह नहीं है...', रूस और भारत के रिश्ते पर बिफरे ट्रंप; बोले- डेडइकॉनोमी नीचे ले जा सकते हैं