पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में हालात और ज्यादा विस्फोटक हो गए हैं. अब तक पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ संघर्ष कर रहे बलूच अलगाववादी संगठनों को एक नया मोर्चा झेलना पड़ सकता है — और वो भी किसी और नहीं, बल्कि इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) की ओर से.
ISKP ने एक वीडियो जारी कर आधिकारिक रूप से बलूच स्वतंत्रता समर्थक संगठनों के खिलाफ 'जंग' का ऐलान कर दिया है. यह 36 मिनट का वीडियो सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि उस नए खतरे की दस्तक है जो पहले ही हिंसा और उथल-पुथल से जूझ रहे बलूचिस्तान को और अधिक अस्थिर बना सकता है.
मस्तुंग हमले के बाद बदले की घोषणा
वीडियो में ISKP का कहना है कि दो महीने पहले मस्तुंग में उसके ट्रेनिंग कैंप पर बलूच विद्रोही संगठनों द्वारा हमला किया गया था. इस हमले में ISKP के कई सदस्य मारे गए थे. अब आतंकवादी संगठन ने बदला लेने की ठान ली है. उन्होंने साफ कहा कि BLA (बलूच लिबरेशन आर्मी), BLF (बलूच लिबरेशन फ्रंट) और उनके समर्थक तैयार रहें, क्योंकि अब 'खूनी संघर्ष' होगा.
ISKP के ट्रेनिंग कैंप और पाकिस्तान की 'चुप्पी'
वीडियो में ISKP ने इस बात का खुलासा किया कि उनके ट्रेनिंग कैंप बलूचिस्तान की पहाड़ियों में मौजूद हैं. यह वही इलाका है जहां बलूच विद्रोही भी अपनी गतिविधियां चलाते हैं. ISKP ने माना कि दोनों गुट एक ही भौगोलिक क्षेत्र साझा करते हैं — लेकिन अब यह ‘साझेदारी’ एक खूनी टकराव में बदल सकती है.
सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या पाकिस्तान सरकार इन कैंपों की मौजूदगी से अनजान थी? अफगान मीडिया और सुरक्षा एजेंसियां पहले ही दावा कर चुकी हैं कि ISKP बलूचिस्तान में सक्रिय है. लेकिन पाकिस्तान लंबे समय से इन दावों को “दुष्प्रचार” बता कर खारिज करता रहा. अब जबकि खुद ISKP ने इन बातों की पुष्टि कर दी है, तो पाकिस्तान के पास सफाई देने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता.
अफगानिस्तान में ISKP शांत, बलूचिस्तान में सक्रिय
पिछले तीन महीनों में अफगानिस्तान में ISKP की ओर से कोई बड़ा हमला सामने नहीं आया है. इसके पीछे एक बड़ी वजह बलूच विद्रोही संगठनों द्वारा ISKP के प्रशिक्षण केंद्र पर किया गया हमला बताया जा रहा है. वहीं, अफगान सुरक्षा एजेंसियों ने ISKP के खिलाफ एक 'गोपनीय अभियान' चलाया है, जिसके कारण संगठन की गतिविधियों पर असर पड़ा है.
बलूच संगठनों की प्रतिक्रिया?
अब तक न तो BLA और न ही कोई अन्य बलूच विद्रोही संगठन इस्लामिक स्टेट द्वारा लगाए गए आरोपों या 'जंग के ऐलान' पर कोई टिप्पणी कर रहा है. लेकिन अगर ISKP अपने दावों को अमलीजामा पहनाता है, तो बलूचिस्तान एक बार फिर हिंसा की चपेट में आ सकता है — इस बार दुश्मन कहीं और से नहीं, बल्कि एक वैश्विक आतंकी संगठन से होगा.
क्यों है ये खतरा पाकिस्तान के लिए और गंभीर?
बलूचिस्तान पहले से ही पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. सेना और सरकार के खिलाफ लगातार विद्रोह, CPEC प्रोजेक्ट्स पर हमले, और अब ISKP जैसी वैश्विक आतंकी ताकत का दखल — ये संकेत हैं कि आने वाले समय में पाकिस्तान को अपने ही घर में दोहरी लड़ाई लड़नी होगी.
ISKP का यह एलान सिर्फ बलूच अलगाववादियों के लिए नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए चिंता का विषय है. अब यह देखना बाकी है कि पाकिस्तान सरकार इस नई चुनौती से कैसे निपटती है — चुप रहकर, इनकार करके, या फिर सख्त एक्शन लेकर.
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