India-Pakistan Tensions: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच एक अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट ने हलचल मचा दी है. अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी (DIA) द्वारा जारी इस रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है कि पाकिस्तान को अब भारत से अपने अस्तित्व का खतरा महसूस होने लगा है. इसी डर के चलते वह अपने परमाणु हथियारों के भंडार को तेज़ी से बढ़ा रहा है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पारंपरिक युद्ध की स्थिति में भारत के आगे पाकिस्तान टिक नहीं सकता, यही वजह है कि अब वह "न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग" को फिर से हथियार बना रहा है.
ऑपरेशन सिंदूर बना टर्निंग पॉइंट
यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है जब भारत ने हाल ही में 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के 11 एयरबेस और 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. 6 से 10 मई तक चले इस टकराव के दौरान पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल से जवाब देने की कोशिश की, लेकिन भारत की एयर डिफेंस ने उन्हें पूरी तरह नाकाम कर दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऑपरेशन के बाद सख्त लहजे में कहा कि "अब पाकिस्तान की न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग और परमाणु हथियारों की धमकियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा."
भारत को मिल रहा वैश्विक समर्थन
यूएस डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी की 2025 की इस रिपोर्ट में न केवल भारत-पाक के बीच के मौजूदा तनाव पर फोकस किया गया है, बल्कि भारत की बढ़ती सैन्य ताकत और वैश्विक नेतृत्व की आकांक्षा को भी रेखांकित किया गया है.
पाकिस्तान सिर्फ एंसीलरी थ्रेट
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत, चीन को अपना मुख्य रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी मानता है. जबकि पाकिस्तान को सिर्फ "एंसीलरी थ्रेट", यानी सहायक खतरा माना जाता है. भारत, हिंद महासागर क्षेत्र में कूटनीतिक और सैन्य प्रभाव को तेजी से बढ़ा रहा है. QUAD, BRICS, SCO और ASEAN जैसे संगठनों में भारत की भूमिका प्रभावशाली हो चुकी है. न्यूक्लियर ट्रायड से लेकर पनडुब्बी तक भारत की ताकत में इज़ाफा हो रहा है.
भारत परमाणु शक्ति संतुलन कर रहा मज़बूत
रिपोर्ट के अनुसार, भारत अपने परमाणु शक्ति संतुलन को मज़बूत करने के लिए लगातार कदम उठा रहा है. परमाणु मिसाइल अग्नि-1 से लेकर अग्नि-5 तक का सफल परीक्षण किया है. INS अरिघात जैसी अत्याधुनिक परमाणु पनडुब्बियों को नौसेना में शामिल किया है. स्वदेशी सैन्य उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा परियोजनाएं हैं.
रूस से रिश्ता अभी ज़रूरी
रिपोर्ट यह भी संकेत देती है कि भारत, हथियारों के लिए रूस पर निर्भरता धीरे-धीरे कम कर रहा है. हालांकि, अभी भी रूसी टैंक और लड़ाकू विमानों की मौजूदगी भारत की सैन्य रणनीति का आधार है.
पाकिस्तान की रणनीति: डर, दिखावा या तैयारी?
DIA की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान अपनी सीमाओं पर सुरक्षा सुनिश्चित करने और आर्थिक कमजोरी के चलते चीन पर अत्यधिक निर्भर हो गया है. चीन न केवल पाकिस्तान को सैन्य सहायता दे रहा है, बल्कि WMD यानी ‘Weapons of Mass Destruction’ की आपूर्ति में भी उसकी मदद कर रहा है.
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