लोन से मिले पैसों का आतंकियों पर इस्तेमाल करेगा पाकिस्तान! मसूद अजहर को 14 करोड़ रुपए देने की कर ली तैयारी

    एक बार फिर पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश हो गया है. दरअसल पाकिस्तान सरकार ने हमले में मरे सभी लोगों के परिजनों को1 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है. इसमें आतंकवादी मसूद अजहर का भी नाम शामिल है. ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी मसूद अजहर के परिवार के 14 लोगों की मौत हुई थी. इसी के तहत शहबाज सरकार ने आतंकी को 14 करोड़ रुपये देने की तैयारी की है.

    लोन से मिले पैसों का आतंकियों पर इस्तेमाल करेगा पाकिस्तान! मसूद अजहर को 14 करोड़ रुपए देने की कर ली तैयारी

    एक तरफ पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंक फैलाने में जुटा है, वहीं दूसरी ओर खूंखार आतंकियों के संरक्षक की भूमिका में भी खुद को उजागर कर रहा है. हाल ही में भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकवादियों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान पाक सरकार ने किया है. इसे "शुहाद पैकेज" नाम दिया गया है. लेकिन इस फैसले से सबसे ज्यादा फायदा जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को होता दिख रहा है, जो फिलहाल पाकिस्तान में अंडरग्राउंड है.

    मसूद अजहर के घर पर हुए हमले में मारे गए 14 आतंकी

    भारत की तरफ से 7 मई को किए गए सर्जिकल स्ट्राइक में मसूद अजहर का बहावलपुर स्थित घर भी निशाने पर था. इसी हमले में उसके परिवार और संगठन से जुड़े 14 आतंकवादी मारे गए. इनमें उसकी बहन, बहनोई, भाई और अन्य करीबी भी शामिल थे. अब, चूंकि सभी आतंकवादी उसी के संरक्षण में पले-बढ़े और जैश के सदस्य थे, तो सरकार की इस मुआवज़ा नीति के तहत मसूद को 14 करोड़ रुपए मिलने की संभावना जताई जा रही है.

    खुद मसूद ने दी थी परिवार के मारे जाने की पुष्टि

    हमले के कुछ ही समय बाद मसूद अजहर ने एक पत्र जारी कर हमले की पुष्टि की थी. उसने लिखा कि उसकी बहन, बहनोई और उनके बच्चे इस हमले में मारे गए. उसके भाई रऊफ की भी मौत की सूचना पाक मीडिया ने दी, जो कंधार प्लेन हाईजैक केस का मास्टरमाइंड था. मसूद ने पत्र में लिखा, "अब जीने की इच्छा नहीं बची. मैं भी मरना चाहता हूं."

    मसूद का परिवार और जैश आतंक का पूरा तंत्र

    मसूद अजहर का पूरा परिवार आतंकी तंत्र का हिस्सा रहा है. उसका बहनोई जैश के मदरसे में बच्चों को आतंकी ट्रेनिंग देता था, बहन वहीं रहती थी, और भाई जैश के ऑपरेशंस को लीड करता था. ये सभी लोग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आतंकवाद से जुड़े हुए थे. अब अगर सरकार की ओर से मुआवज़ा दिया जाता है, तो ये धनराशि प्रत्यक्ष रूप से मसूद अजहर तक पहुंच सकती है. जो इस समय भले ही भूमिगत है, लेकिन पाकिस्तान की छत्रछाया में पूरी सुरक्षा में है.

    सरकार की चुप्पी, दुनिया की नजर


    हालांकि पाकिस्तान सरकार ने आधिकारिक रूप से यह नहीं बताया है कि बहावलपुर में मारे गए आतंकियों के परिजनों को पैसा किसे दिया जाएगा, लेकिन मसूद अजहर का नाम इस चर्चा में आना साफ तौर पर पाकिस्तान की दोहरी नीति को उजागर करता है. एक ओर दुनिया के सामने आतंक के खिलाफ सख्ती का दावा, दूसरी ओर उसी आतंक के संरक्षकों को इनाम.

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