अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप दुनिया में भारत के साथ अच्छी दोस्ती के गुणगान गाते हैं. लेकिन जब हकीकत में हाल कैसा है ये तो सभी जानते हैं. मंगलवार को ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया. इसके बाद से ही ऐसी चर्चा शुरू होने लगी कि पाकिस्तान के फील्ड मार्शल मुल्ला-मुनीर एक बार फिर अमेरिका का दौरा कर सकते हैं.
सवाल ये कि आखिर भारत से दोस्ती के गुण गाकर अमेरिका दुश्मनों से क्यों हाथ मिलाने में जुटा हुआ है? मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर एक बार फिर अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं.
दो महीने में दूसरी अमेरिका यात्रा
मीडिया सूत्रों के मुताबिक, जनरल मुनीर इस हफ्ते अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए वॉशिंगटन जा सकते हैं. यह गौर करने वाली बात है कि दो महीने से भी कम समय में यह उनकी दूसरी अमेरिका यात्रा होगी. पिछली बार वे व्हाइट हाउस में एक डिनर में शामिल हुए थे, जिसे लेकर खासी हलचल हुई थी. यह डिनर इसलिए खास था क्योंकि अमेरिकी इतिहास में पहली बार किसी पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी को बिना किसी राजनीतिक प्रतिनिधि के सीधे राष्ट्रपति द्वारा आमंत्रित किया गया था. उस बैठक में दोनों के बीच लगभग दो घंटे की लंबी बातचीत हुई थी, जिसमें व्यापार, क्रिप्टोकरेंसी और दक्षिण एशिया में शांति जैसे मुद्दे उठाए गए थे.
ट्रंप की तारीफ, मुनीर की सिफारिश
पूर्व मुलाकात के दौरान ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव को कम करने में जनरल मुनीर की भूमिका की सराहना की थी. ट्रंप ने कहा था, "मैंने उन्हें यहां बुलाया क्योंकि मैं उन्हें संघर्ष टालने के लिए धन्यवाद देना चाहता था." जवाब में मुनीर ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए उपयुक्त बताया था. हालांकि भारत ने साफ किया था कि सीमा पर सीजफायर की पहल पाकिस्तानी DGMO की ओर से हुई थी और यह निर्णय द्विपक्षीय बातचीत के जरिए लिया गया, किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी. इसके बावजूद ट्रंप लगातार इसका श्रेय खुद को देते रहे हैं.
अमेरिका की तरफ पाकिस्तान की झुकाव
हाल के हफ्तों में अमेरिका और पाकिस्तान के बीच कई समझौते हुए हैं, जिनसे दोनों देशों के रिश्तों में नया मोड़ देखने को मिला है. ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, “हमने पाकिस्तान के साथ एक डील पूरी की है, जिसके तहत दोनों देश मिलकर पाकिस्तान के तेल भंडारों का दोहन करेंगे.” उन्होंने आगे कहा, “शायद एक दिन पाकिस्तान भारत को भी तेल बेचे.” इस साझेदारी के अलावा, अमेरिका ने पाकिस्तान के निर्यात पर लगने वाले टैरिफ में भी राहत दी है. पहले जहां 29 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया गया था, अब उसे घटाकर 19 प्रतिशत कर दिया गया है.
भारत के लिए दोहरी चुनौती
यह पूरी गतिविधि ऐसे समय हो रही है जब भारत का पाकिस्तान और अमेरिका दोनों के साथ तनावपूर्ण संबंध बने हुए हैं. कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके जवाब में चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर पाकिस्तान से रिश्ते और अधिक कड़वे हो गए हैं. दूसरी तरफ, अमेरिका ने भारत पर रूसी तेल आयात के कारण टैरिफ में जबरदस्त बढ़ोतरी की है. ट्रंप सरकार ने हाल ही में भारत पर पहले 25% और फिर अतिरिक्त 25% टैरिफ लागू कर दिया, जिससे कुल दर 50% तक पहुंच गई है.
भारत के लिए क्या संकेत?
जनरल मुनीर की इस यात्रा को सिर्फ सैन्य संबंधों के लिहाज से नहीं, बल्कि रणनीतिक समीकरणों की दृष्टि से भी बेहद अहम माना जा रहा है. अगर ट्रंप से उनकी मुलाकात होती है, तो यह भारत के लिए एक और संकेत हो सकता है कि आने वाले दिनों में अमेरिकी विदेश नीति में पाकिस्तान को और अधिक तवज्जो दी जा सकती है. जहां एक ओर भारत अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दे रहा है, वहीं दूसरी ओर अमेरिका और पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियां दक्षिण एशिया की कूटनीति को नई दिशा में मोड़ सकती हैं.
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