एशिया कप में भारत के हाथों दो बार शिकस्त खाने के बाद पाकिस्तान क्रिकेट टीम पर सवाल उठने लगे हैं. इस पर अब पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और 1992 वर्ल्ड कप विजेता कप्तान इमरान खान ने जेल से चुटकी ली है. राजनीतिक बयानबाज़ी के अंदाज़ में क्रिकेट को घसीटते हुए इमरान ने पीसीबी और सेना प्रमुख को निशाने पर लिया है.
अदियाला जेल में बंद इमरान खान ने तंज भरे लहजे में कहा कि अगर पाकिस्तान को भारत से क्रिकेट मैच जीतना है, तो इसका एक ही तरीका है – पीसीबी चेयरमैन मोहसिन नकवी और आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर खुद ओपनिंग करने उतरें. यह जानकारी उनकी बहन अलीमा खान ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में दी. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने जेल में जाकर अपने भाई को भारत से मिली लगातार हारों के बारे में बताया, तो इमरान ने व्यंग्य के लहजे में यह बयान दिया.
अंपायर और तीसरे अंपायर की भी 'सजावटी' टीम
इमरान खान ने सिर्फ बल्लेबाज़ों पर ही नहीं, बल्कि अंपायरिंग पर भी निशाना साधा. उन्होंने सुझाव दिया कि भारत से जीतने के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा और मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा को अंपायर बना देना चाहिए, जबकि इस्लामाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सरफराज डोगर को तीसरे अंपायर की भूमिका में बैठाना चाहिए. ये वही नाम हैं, जिन्हें इमरान खान अपने राजनीतिक विरोध में बार-बार घसीटते आए हैं. उनका दावा है कि इन्हीं लोगों की मिलीभगत से उन्हें सत्ता से हटाया गया और उनकी पार्टी को चुनावी प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया.
क्रिकेट के बहाने सियासत पर वार
इमरान खान ने यह भी आरोप लगाया कि पीसीबी चेयरमैन मोहसिन नकवी भाई-भतीजावाद के जरिए क्रिकेट का सत्यानाश कर रहे हैं. वे इससे पहले भी नकवी को सरकार और सेना का मोहरा बताते रहे हैं, और अब एशिया कप में टीम की खराब प्रदर्शन पर उन्हें आड़े हाथों लिया है. 1992 में पाकिस्तान को वर्ल्ड कप जिताने वाले इमरान खान का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब पाकिस्तान क्रिकेट टीम को एशिया कप में भारत के खिलाफ करारी हार का सामना करना पड़ा है, और देश भर में इसकी आलोचना हो रही है.
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