इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस और मरका-ए-हक समारोह के अवसर पर नई आर्मी रॉकेट फोर्स कमांड के गठन की घोषणा की. यह कदम हाल ही में भारत के साथ हुई सैन्य झड़प के बाद पाकिस्तान की पारंपरिक युद्ध क्षमता को मजबूत करने के प्रयास का हिस्सा है.
सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए रक्षा बजट में 20 प्रतिशत की वृद्धि की है. यह निर्णय विशेष रूप से उस समय की परिस्थितियों में लिया गया जब 22 अप्रैल को पाहलगाम हमले के बाद भारत के साथ तनावपूर्ण स्थिति बनी और 10 मई को युद्धविराम हुआ. पाकिस्तान इसे अपने दृष्टिकोण से “मरका-ए-हक” यानी सत्य की लड़ाई के रूप में प्रस्तुत कर रहा है.
शहबाज शरीफ का बयान
प्रधानमंत्री ने कहा, “आधुनिक तकनीक से लैस यह नया बल हर दिशा से दुश्मन को निशाना बनाने में सक्षम होगा और हमारी पारंपरिक युद्ध क्षमता को और मजबूती प्रदान करेगा. यह पाकिस्तान की सैन्य ताकत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा.”
युद्ध तैयारी और तैनाती
मई में भारत के खिलाफ झड़प के दौरान पाकिस्तान ने J-10C विगरस ड्रैगन और JF-17 थंडर फाइटर जेट्स के साथ कुछ मिसाइल सिस्टम तैनात किए थे. हालांकि इस संघर्ष में पाकिस्तान को अपेक्षित सफलता नहीं मिली और उसे हार का सामना करना पड़ा.
समारोह का दृश्य
इस्लामाबाद के जिन्ना स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित इस भव्य समारोह में आधी रात का काउंटडाउन, राष्ट्रगान, आतिशबाजी और तीनों सेनाओं की परेड देखी गई. कार्यक्रम में पाकिस्तान के आर्मी चीफ फील्ड मार्शल असीम मुनीर, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार, सीनेट चेयरमैन यूसुफ रजा गिलानी, नेशनल असेंबली स्पीकर अयाज सादिक, अन्य मंत्री और विदेशी राजनयिक शामिल थे. इसके अलावा, तुर्की और अजरबैजान के सैन्य दल भी समारोह में मौजूद थे.
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