ढाका: बांग्लादेश के रंगपुर जिले के तारागंज उपजिला में एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसमें चोरी के शक में दो लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. यह घटना बुरिरहाट हाई स्कूल परिसर में हुई. मृतकों की पहचान घनीरामपुर के रूपलाल दास (40) और मीठापुकुर उपजिला के प्रदीप दास (35) के रूप में हुई है. दोनों मृतक एक ही परिवार से थे.
इस मामले में प्रशासनिक जिम्मेदारियों पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, मोहम्मद यूनुस के कार्यकाल में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ा है, और इस घटना में भी उनकी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है.
पुलिस ने घटनास्थल पर दिखाई कमजोरी
'ढाका ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, लेकिन भीड़ के दबाव और भय के कारण कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर सकी. पुलिस और सेना के जवानों से भरी गाड़ियां घटनास्थल पर तब तक पहुँची जब तक रूपलाल दास की मौत हो चुकी थी और हिंसा में शामिल अधिकांश लोग फरार हो चुके थे.
भीड़ ने घायलों को नहीं छोड़ा
'प्रोथोम अलो' अखबार ने बताया कि इस घटना में लगभग 15-20 युवकों ने सबसे अधिक हिंसा की. वायरल वीडियो में देखा गया कि रूपलाल और प्रदीप को भीड़ ने घेर रखा था. पुलिस जब उन्हें तितर-बितर करने की कोशिश कर रही थी, तो भीड़ और आक्रामक हो गई और दोनों घायलों को वहीं छोड़कर चली गई.इसके बाद भीड़ ने लात-घूंसों, डंडों और रॉड के साथ दोनों पर बेरहमी से हमला किया. रूपलाल की पीठ पर चार-पांच युवकों ने बार-बार लात मारी, और आसपास खड़े लोग इस हिंसा को उकसा रहे थे.
अस्पताल ले जाने पर भी बच नहीं पाए
रूपलाल को तारागंज उपजिला हेल्थ कॉम्प्लेक्स ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. प्रदीप को रंगपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रविवार तड़के उनकी भी मौत हो गई.
पुलिस ने दर्ज किया मामला और चार गिरफ्तार
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