पाकिस्तान का गजब मजाक, मुल्ला मुनीर को बता दिया 'आयरन मैन ऑफ एशिया'; खुली पोल तो होने लगी फजीहत

    पाकिस्तान की मीडिया एक बार फिर अपनी प्रोपेगेंडा फैक्ट्री में जुट गई है. इस बार दावे ऐसे किए गए हैं, जिन्हें सुनकर कोई भी हैरानी से ज्यादा हंसी में पड़ सकता है. पाकिस्तानी चैनल्स और अखबारों ने यह प्रचार करना शुरू कर दिया है कि अमेरिका का प्रतिष्ठित अखबार The Washington Times ने पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को "आयरन मैन" और दक्षिण एशिया की सुरक्षा का सबसे प्रभावशाली चेहरा बताया है.

    Pak Media calling asim munir iron man cites america says
    Image Source: Social Media

    पाकिस्तान की मीडिया एक बार फिर अपनी प्रोपेगेंडा फैक्ट्री में जुट गई है. इस बार दावे ऐसे किए गए हैं, जिन्हें सुनकर कोई भी हैरानी से ज्यादा हंसी में पड़ सकता है. पाकिस्तानी चैनल्स और अखबारों ने यह प्रचार करना शुरू कर दिया है कि अमेरिका का प्रतिष्ठित अखबार The Washington Times ने पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को "आयरन मैन" और दक्षिण एशिया की सुरक्षा का सबसे प्रभावशाली चेहरा बताया है.

    पाकिस्तान का यह दावा पूरी तरह एक ओपिनियन आर्टिकल पर आधारित है, जिसे The Washington Times ने ज़रूर प्रकाशित किया, लेकिन उसमें "Iron Man" जैसी कोई उपमा नहीं दी गई है. न ही यह लेख अमेरिका सरकार या किसी वरिष्ठ अधिकारी की ओर से आया है. ये सिर्फ एक लेखक की व्यक्तिगत राय है, जिसे पाकिस्तानी मीडिया ने तोड़-मरोड़कर अपनी "राष्ट्रीय उपलब्धि" बना डाला.

    प्रोपेगेंडा कैसे फैलाया गया?

    पाकिस्तानी चैनल समा टीवी समेत कई बड़े मीडिया हाउस ने इस रिपोर्ट को ऐसे दिखाया जैसे अमेरिका ने आधिकारिक रूप से आसिम मुनीर की तारीफ की हो. असल में, यह सब पाकिस्तान की उस रणनीति का हिस्सा है जिसमें वो खुद को अमेरिका का करीबी और दक्षिण एशिया की "शक्ति" दिखाने की कोशिश करता है. भले ही हकीकत उससे कोसों दूर हो.

    भारत से 22 मिनट की शिकस्त, फिर "Iron Man" कैसे?

    पाकिस्तान ये भी भूल गया कि अभी ज्यादा दिन नहीं बीते जब भारत की ओर से हुई सैन्य कार्रवाई में उसके वायुसेना अड्डों की हालत पतली हो गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कहा था कि भारतीय सेना के तेज़ प्रहार को पाकिस्तान 22 मिनट भी नहीं झेल पाया. हालत ये थी कि अमेरिका से गुहार लगाकर ही पाकिस्तान ने अपनी सुरक्षा की भीख मांगी थी. ऐसे में जिसे अपने देश की रक्षा तक नहीं करनी आई, वो दक्षिण एशिया की सुरक्षा का चेहरा कैसे बन सकता है?

    ट्रंप से मुलाकात या घुटनों के बल राजनीति

    रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि आसिम मुनीर ने अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की, जिसे पाकिस्तान एक बड़ी "राजनयिक जीत" बता रहा है. लेकिन जानकारों की मानें तो यह मुलाकात पाकिस्तान की आर्थिक कमजोरी और दबाव की स्थिति का परिणाम थी. अमेरिका से मदद पाने के लिए आसिम मुनीर किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं. चाहे वो प्राकृतिक संसाधनों का सौदा हो या भारत के खिलाफ खोखली बयानबाज़ी.

    देश की हालत छिपाने की चाल

    पाकिस्तान इस समय भयंकर आर्थिक संकट, आतंरिक अस्थिरता, और राजनीतिक उथल-पुथल से जूझ रहा है. ऐसे में जनता का ध्यान हटाने के लिए इस तरह के प्रचार किए जाते हैं. ताकि भूख, बेरोज़गारी और महंगाई से परेशान लोग कुछ देर के लिए "राष्ट्रीय गर्व" का झूठा नशा पी लें.

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