पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और गहराता जा रहा है. इस बीच, वैश्विक महाशक्तियाँ भी इस मसले पर सक्रिय हो गई हैं. जहां चीन एक बार फिर पाकिस्तान के साथ खड़ा नज़र आ रहा है. वहीं दूसरी तरफ अमेरिका ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार और आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई का समर्थन दोहराया है.
'आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को सपोर्ट'
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के बीच गुरुवार, 1 मई को टेलीफोन पर बातचीत हुई. इस बातचीत के दौरान हेगसेथ ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अमेरिका, भारत के साथ एकजुटता से खड़ा है और आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई में उसका समर्थन करता है. राजनाथ सिंह ने भी दो टूक शब्दों में कहा कि पाकिस्तान अब एक दुष्ट राष्ट्र (rogue state) के रूप में सामने आ चुका है, जो आतंकवाद को प्रशिक्षण, फंडिंग और राजनीतिक संरक्षण देता है.
रक्षा मंत्रालय की अपील
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया कि भारत ने वैश्विक समुदाय से अपील की है कि वह आतंकवाद जैसे जघन्य कृत्यों पर अब चुप न रहे और एक स्वर में उसकी निंदा करे.
पाकिस्तान के समर्थन में चीन
दूसरी ओर, चीन ने एक बार फिर पाकिस्तान के साथ अपनी "ऑल वेदर फ्रेंडशिप" का परिचय दिया है. इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से चीनी राजदूत जियांग जेडोंग की मुलाकात के दौरान चीन ने पाकिस्तान के समर्थन का सार्वजनिक रूप से ऐलान किया. इससे पहले भी चीन ने पहलगाम हमले की स्वतंत्र जांच का समर्थन कर अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान का बचाव किया था.
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