अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच ईरान ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि वह अपने यूरेनियम संवर्द्धन कार्यक्रम को किसी भी सूरत में नहीं रोकेगा. तेहरान ने यह स्पष्ट संदेश ऐसे समय में दिया है जब अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने बुधवार को अपनी स्थिति को दोहराते हुए कहा कि ईरान अपने परमाणु अधिकारों से पीछे नहीं हटेगा.
अरागची ने दोहराया- "संवर्द्धन चलता रहेगा"
ईरान की सरकारी टेलीविज़न के हवाले से अरागची ने कहा, "मैं पहले भी कह चुका हूं और फिर दोहराता हूं — ईरान में यूरेनियम संवर्द्धन जारी रहेगा, चाहे समझौता हो या न हो." उन्होंने यह भी बताया कि तेहरान फिलहाल यह विचार कर रहा है कि अमेरिका के साथ होने वाले अगले दौर की वार्ता में भाग लिया जाए या नहीं.
अमेरिका की शर्तें और बातचीत की जटिलता
हालांकि, अमेरिका लगातार इस बात पर अड़ा है कि किसी भी संभावित समझौते में ईरान को यूरेनियम संवर्द्धन पूरी तरह बंद करना होगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, पूर्व विदेश मंत्री मार्को रुबियो और मध्य पूर्व मामलों के राजदूत स्टीव विटकॉफ जैसे शीर्ष अमेरिकी अधिकारी इस मुद्दे पर बेहद कड़ा रुख अपनाए हुए हैं. वे ईरान पर 2015 के परमाणु समझौते के उल्लंघन का भी आरोप लगाते रहे हैं.
वार्ता की अगली कड़ी अब भी अधर में
अब तक अमेरिका और ईरान के बीच चार दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है. वार्ता में मध्यस्थता कर रहे ओमान ने भी अब तक पांचवें दौर की तारीख की घोषणा नहीं की है. अरागची का कहना है कि ईरान कभी भी बातचीत से पीछे नहीं हटा, लेकिन वह अपनी संप्रभुता और लोगों के अधिकारों की कीमत पर कोई समझौता नहीं करेगा.
खामेनेई की नाराज़गी भी आई सामने
ईरानी विदेश मंत्री की यह सख्त टिप्पणी उस वक्त सामने आई है जब ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने हाल ही में अमेरिका के साथ चल रही वार्ता को लेकर निराशा जताई थी. खामेनेई ने दो टूक कहा, "मुझे नहीं लगता कि अमेरिका के साथ यह परमाणु वार्ता किसी नतीजे पर पहुंचेगी."
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