पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश में भी होगा तख्तापलट? सेना ने युनूस को दी सख्त चेतावनी; अंतरिम सरकार को हड़काया

    सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने इस मुद्दे पर अंतरिम सरकार को सीधे शब्दों में चेतावनी दे डाली है, जिसके बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अपने बयान बदलने शुरू कर दिए हैं.

    coup in Bangladesh Pakistan Army warning to Yunus
    यूनुस | Photo: ANI

    म्यांमार सीमा पर एक कथित “मानवीय गलियारे” को लेकर बांग्लादेश में जबरदस्त राजनीतिक और सैन्य तनाव उभर आया है. यह विवाद तब गहराया जब खबरें सामने आईं कि बांग्लादेश, अमेरिकी दबाव में म्यांमार की ओर एक मानवीय गलियारा खोलने पर विचार कर रहा है. हालांकि अब हालात ऐसे हैं कि सेना और सरकार आमने-सामने आ खड़े हुए हैं. सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने इस मुद्दे पर अंतरिम सरकार को सीधे शब्दों में चेतावनी दे डाली है, जिसके बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अपने बयान बदलने शुरू कर दिए हैं.

    NSA का यू-टर्न, सरकार ने झाड़ा पल्ला

    ढाका में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बांग्लादेश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) खलीलुर रहमान ने साफ किया कि म्यांमार को मानवीय गलियारा देने को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है. उन्होंने यह भी दावा किया कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार किसी विदेशी दबाव में नहीं है और किसी भी निर्णय से पहले सभी हितधारकों से विचार-विमर्श किया जाएगा.

    गौर करने वाली बात यह है कि रहमान खुद अमेरिकी नागरिक हैं और उन्हें अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस ने इस पद पर नियुक्त किया है. इस तथ्य ने विवाद को और हवा दी है, क्योंकि पहले से ही ऐसी रिपोर्ट्स सामने आ चुकी हैं कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाने में अमेरिका की भूमिका थी.

    सेना प्रमुख का स्पष्ट संदेश: “खूनी गलियारा नहीं चलेगा”

    बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने अपने संबोधन में 'मानवीय गलियारे' को लेकर बेहद सख्त लहजा अपनाया. उन्होंने कहा, "कोई खूनी गलियारा व्यवसाय नहीं होगा." उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह के किसी भी कदम से देश की संप्रभुता पर खतरा मंडरा सकता है और सशस्त्र बलों को अंधेरे में रखकर ऐसे फैसले नहीं किए जा सकते.

    उन्होंने चार मुख्य बिंदुओं पर जोर दिया:

    • मानवीय गलियारा देश की संप्रभुता के खिलाफ है और इस पर सेना की कोई सहमति नहीं है.
    • दिसंबर 2024 तक आम चुनाव कराए जाएं, और देश की बागडोर सिर्फ एक निर्वाचित सरकार को सौंपी जाए, न कि किसी अस्थायी और गैर-जवाबदेह प्रशासन को.
    • सेना अब और अराजकता सहन नहीं करेगी.
    • सेना किसी भी बाहरी दबाव में आकर देश की सुरक्षा और नीति निर्धारण पर समझौता नहीं करेगी.

    राजनीतिक अस्थिरता के बीच सेना की सख्ती

    जनरल जमान की इस दो टूक चेतावनी के बाद यह साफ हो गया है कि सेना अब यूनुस सरकार की कार्यशैली से नाराज़ है और देश में बढ़ती अराजकता पर नियंत्रण चाहती है. अगस्त 2024 में अंतरिम सरकार के गठन के बाद से ही बांग्लादेश में कई स्थानों पर हिंसा, धमकी और टारगेट किलिंग की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिन्हें राजनीतिक दलों के समर्थकों से जोड़कर देखा जा रहा है.

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