अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले मिडिल ईस्ट दौरे का समापन किया, उसी समय गाजा पट्टी से एक भयावह खबर आई. इजराइल ने शुक्रवार को गाजा पर तीव्र हवाई हमले किए, जिनमें कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई. एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, उत्तरी गाजा के इंडोनेशियाई अस्पताल में दर्जनों शव लाए गए, और अस्पताल कर्मियों ने पुष्टि की कि कई लोग अब भी मलबे में दबे हो सकते हैं.
यह हमला ऐसे वक्त पर हुआ है जब मिडिल ईस्ट में ट्रंप के दौरे को लेकर यह उम्मीद जताई जा रही थी कि क्षेत्र में युद्धविराम की संभावनाएं बन सकती हैं या मानवीय सहायता के रास्ते खुल सकते हैं. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस दौरे के दौरान इजराइल का दौरा नहीं किया.
तीन महीने से जारी घेराबंदी, इजराइल ने नहीं दी प्रतिक्रिया
गाजा इस समय इजराइली नाकेबंदी के तीसरे महीने से गुजर रहा है. इस दौरान बिजली, पानी और दवाओं जैसी मूलभूत ज़रूरतों की भारी कमी है. इजराइली सेना की ओर से शुक्रवार को हुए ताज़ा हमले को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. मगर गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि बीते कुछ दिनों के भीतर ही 130 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. मृतकों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.
नेतन्याहू की चेतावनी और संभावित जमीनी कार्रवाई
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पहले ही संकेत दे चुके हैं कि उनकी सरकार गाजा में सैन्य दबाव को और तेज करने वाली है. उन्होंने अपने बयान में कहा था कि इजराइली सेना जल्द ही पूर्ण बल के साथ गाजा में प्रवेश करेगी और हमास को समाप्त करने के मिशन को पूरा करेगी. यह स्पष्ट नहीं है कि शुक्रवार के हमले उसी संभावित ज़मीनी ऑपरेशन की शुरुआत हैं या नहीं.
7 अक्टूबर से अब तक 53,000 से ज्यादा मौतें
गाजा और इजराइल के बीच यह संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 से चल रहा है, जब हमास के आतंकवादियों ने इजराइल के दक्षिणी हिस्से में घुसपैठ कर करीब 1,200 लोगों की जान ले ली थी. इस हमले के जवाब में इजराइल ने गाजा पर भीषण सैन्य अभियान शुरू कर दिया. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि तब से अब तक 53,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं.
इनमें करीब 3,000 मौतें सिर्फ 18 मार्च के बाद हुई हैं, जब अस्थायी युद्धविराम टूट गया था. हमास ने अब भी लगभग 58 लोगों को बंधक बनाकर रखा है, जिनमें से 23 के जीवित होने की संभावना जताई जा रही है. हालांकि, इजराइली खुफिया एजेंसियों को इनमें से तीन की स्थिति को लेकर संदेह है.
शांति की राह अब भी अनिश्चित
अमेरिका के राष्ट्रपति का मिडिल ईस्ट दौरा क्षेत्र में स्थिरता और बातचीत की उम्मीद लेकर आया था, लेकिन इजराइल के ताजा हमलों ने एक बार फिर से इस संकट को गहरा कर दिया है. अब यह देखना अहम होगा कि क्या अमेरिका, इजराइल और अरब देशों के बीच कोई व्यावहारिक समाधान निकलता है या यह संघर्ष और अधिक भीषण मोड़ लेता है.
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