इस्लामाबादः भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठानों पर जवाबी हमले किए, तो उसका सबसे बड़ा असर रावलपिंडी में महसूस किया गया. भारत की ओर से किए गए सटीक मिसाइल हमलों ने पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस को लगभग नष्ट कर दिया. इस हमले ने न सिर्फ पाकिस्तान की वायुसेना को झकझोर दिया, बल्कि सेना के शीर्ष नेतृत्व को भी रणनीतिक रूप से पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है. अब खबर यह है कि पाकिस्तानी सेना अपने जनरल हेडक्वार्टर यानी GHQ को रावलपिंडी से हटाकर इस्लामाबाद में स्थानांतरित करने जा रही है.
फिर बंकर में जाएगा मुनीर?
रावलपिंडी के चकलाला क्षेत्र में स्थित GHQ लंबे समय से पाकिस्तान सेना की रणनीतिक और प्रशासनिक गतिविधियों का केंद्र रहा है. यहीं पर सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर का आधिकारिक निवास भी स्थित है. लेकिन भारतीय हमलों के बाद जिस तरह से नूर खान एयरबेस को नुकसान पहुंचा, उससे यह स्पष्ट हो गया कि अब यह इलाका सुरक्षित नहीं रह गया है. सूत्रों के अनुसार, जब भारतीय सेना ने हमले शुरू किए, तब असीम मुनीर को बंकर में शरण लेनी पड़ी थी — एक ऐसा दृश्य जिसने पाकिस्तान की सैन्य तैयारियों और आत्मविश्वास पर सवाल खड़े कर दिए.
नूर खान एयरबेस, जिसे पहले चकलाला एयरबेस कहा जाता था, पाकिस्तान का सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण एयरबेस माना जाता है. यह वीआईपी मूवमेंट के अलावा स्पेशल ऑपरेशंस और एयरलिफ्ट मिशनों का प्रमुख केंद्र है. लेकिन, भारतीय ब्रह्मोस मिसाइलों की तीव्र और सटीक मारक क्षमता के सामने यह बेस टिक नहीं पाया. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसे निशाना बनाकर भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दे दिया कि अब सीमाओं के पार बैठकर दुस्साहस करने वालों को सुरक्षित पनाह नहीं मिलने वाली.
दुश्मन की सीमा के 150 किलोमीटर अंदर तक प्रवेश
सैटेलाइट तस्वीरों के हवाले से एयर मार्शल ए.के. भारती ने पुष्टि की कि नूर खान एयरबेस ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान के अन्य प्रमुख हवाई अड्डे भी भारत की जवाबी कार्रवाई की जद में आए. कराची के मलीर कैंट पर भी सर्जिकल हमला किया गया, जिसके लिए भारतीय वायुसेना ने दुश्मन की सीमा के 150 किलोमीटर अंदर तक प्रवेश किया. इसके अलावा, रफीकी, मुरीद, सुक्कुर, सियालकोट, पसरूर, चुनियन, सरगोधा, स्कार्दू, भोलारी और जैकोबाबाद जैसे सैन्य ठिकाने भी भारतीय हमलों का निशाना बने.
सूत्रों का कहना है कि भारत की योजना नूर खान एयरबेस के बाद रावलपिंडी स्थित न्यूक्लियर कमांड सेंटर पर भी हमला करने की थी, जिससे पाकिस्तान की परमाणु जवाबी कार्रवाई की क्षमता को जड़ से खत्म किया जा सके. हालांकि इस पर औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सैन्य रणनीतिकारों का मानना है कि यह कदम पाकिस्तान को चेतावनी देने के लिए काफी था.
GHQ को इस्लामाबाद शिफ्ट करने की पाकिस्तान की योजना यह दर्शाती है कि अब वहां की सेना अपने पारंपरिक सैन्य गढ़ को असुरक्षित मानने लगी है. रावलपिंडी लंबे समय से पाकिस्तान की सैन्य शक्ति का प्रतीक रहा है, लेकिन भारतीय कार्रवाई ने वहां के आत्मविश्वास की नींव हिला दी है.
भारत अपने दुश्मनों को जवाब देने में सक्षम
भारत की इस निर्णायक कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अब वह सिर्फ कूटनीतिक या आर्थिक माध्यमों से ही नहीं, बल्कि सैन्य शक्ति के जरिए भी अपने दुश्मनों को जवाब देने में सक्षम है. ऑपरेशन सिंदूर न केवल पाकिस्तान के लिए एक सैन्य झटका था, बल्कि उसकी रणनीतिक सोच पर भी सीधा प्रहार है.
अब जब पाकिस्तान अपने सैन्य ढांचे को नए सिरे से व्यवस्थित करने की कोशिश कर रहा है, तब भी यह सवाल बरकरार है कि क्या वह अपनी पुरानी सोच से बाहर निकल पाएगा? और क्या भारत की यह निर्णायक कार्रवाई उसे लंबे समय तक सतर्क रख पाएगी? आने वाले दिनों में इस क्षेत्र की सुरक्षा और रणनीति की दिशा तय करने में यह घटनाक्रम अहम भूमिका निभाएगा.
ये भी पढ़ेंः विकी के जिस फैशन स्टाइल पर मर मिटती हैं लड़कियां, उसे उन्होंने कहां से सीखा?