आधी रात को अचानक आया भयानक भूकंप, तेज झटकों से टूटी लोगों की नींद; दहशत का माहौल

    नेपाल में एक बार फिर धरती हिल गई है. गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात करीब 1:33 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए.

    Nepal terrible earthquake at midnight atmosphere of panic
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Pixabay

    नेपाल में एक बार फिर धरती हिल गई है. गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात करीब 1:33 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Centre for Seismology) के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.3 मापी गई. हालांकि राहत की बात यह रही कि अब तक किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की कोई सूचना सामने नहीं आई है.

    भूकंप की यह घटनाएं अचानक नहीं हो रही हैं. इससे दो दिन पहले ही पश्चिमी नेपाल के कास्की जिले में 4.7 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था. यह झटका दोपहर 1:59 बजे महसूस किया गया, जिसका केंद्र काठमांडू से करीब 250 किलोमीटर दूर सिनुवा क्षेत्र में था. इससे पहले भी 14 और 15 मई को पूर्वी नेपाल के सोलुखुंभू जिले के छेस्कम क्षेत्र में दो बार धरती हिली थी. दोनों ही बार रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.6 मापी गई थी.

    क्यों होते हैं नेपाल में बार-बार भूकंप?

    नेपाल भौगोलिक रूप से एक सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र में स्थित है. यहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों का टकराव लगातार हो रहा है. जब ये प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं, तो उनमें तनाव और दबाव बनता है, जो समय-समय पर भूकंप के रूप में बाहर निकलता है. नेपाल एक सबडक्शन ज़ोन में आता है, जहां भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे खिसकती जा रही है, जिससे स्थिति और भी संवेदनशील हो जाती है.

    कौन से भूकंप होते हैं ज्यादा खतरनाक?

    विशेषज्ञों के अनुसार, उथले भूकंप ज्यादा तबाही मचाते हैं. क्योंकि इनका केंद्र पृथ्वी की सतह के ज्यादा करीब होता है, जिससे निकलने वाली ऊर्जा ज्यादा होती है. यही कारण है कि उथले भूकंपों में अधिक कंपन होता है और इमारतों व जनजीवन को ज्यादा नुकसान पहुंचता है. इसके विपरीत, गहरे भूकंप सतह तक पहुंचते-पहुंचते अपनी ताकत काफी हद तक खो देते हैं.

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