कमर टूटी, हलक सूखा, 54 साल बाद पहली बार दिखेंगे युद्ध जैसे हालात, हमले को लेकर सरकार के अब तक के बड़े आदेश

    Mock Drill Order: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल, 2025 को हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है. इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत ने केंद्र सरकार को गंभीर सुरक्षा समीक्षा के लिए मजबूर कर दिया.

    Mock Drill Order India big action taken now and pakistan war tensions
    Image Source: Social Media

    Mock Drill Order: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल, 2025 को हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है. इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत ने केंद्र सरकार को गंभीर सुरक्षा समीक्षा के लिए मजबूर कर दिया. भारत-पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. गृह मंत्रालय ने पूरे देश में एक राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल आयोजित करने का आदेश जारी किया है, जिसका उद्देश्य नागरिक सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करना और आपातकालीन स्थिति में तैयारी को परखना है.

    यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठकों के बाद लिया गया. इसमें पहलगाम हमले के बाद संभावित जवाबी कार्रवाई और सुरक्षा उपायों की समीक्षा की गई थी. खास बात यह है कि 1971 के बाद यह पहला मौका है जब इतने व्यापक स्तर पर सिविल डिफेंस ड्रिल कराई जा रही है.

    मॉक ड्रिल की प्रमुख बातें

    हवाई हमले की स्थिति में चेतावनी प्रणाली की जांच

    मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य यह देखना है कि हवाई हमले की स्थिति में चेतावनी तंत्र कितना प्रभावी है. इसके साथ-साथ भारतीय वायुसेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो कम्युनिकेशन की कार्यक्षमता की भी परीक्षा होगी.

    कंट्रोल रूम्स की कार्यक्षमता की परख
    मुख्य कंट्रोल रूम और शैडो कंट्रोल रूम की तैयारियों को जांचा जाएगा कि आपात स्थिति में उनकी प्रतिक्रिया कितनी तेज और सटीक होती है.

    नागरिकों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग
    छात्रों, युवाओं और आम नागरिकों को हमले की स्थिति में कैसे बचाव करना है, इस पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया जाएगा.

    ब्लैकआउट प्रैक्टिस और संयंत्रों की सुरक्षा

    हमले के समय ब्लैकआउट की प्रक्रिया का आकलन किया जाएगा. साथ ही देश के महत्वपूर्ण औद्योगिक संयंत्रों और स्थापनाओं को सुरक्षित तरीके से छिपाने की रणनीति का भी अभ्यास होगा.

    सभी नागरिक सुरक्षा सेवाएं सक्रिय होंगी
    वार्डन सेवा, अग्निशमन दल, राहत और बचाव कार्यकर्ता, और आपूर्ति प्रबंधन इकाइयों की क्षमता को परखा जाएगा.

    निकासी योजनाओं की समीक्षा
    आपदा की स्थिति में नागरिकों को कैसे सुरक्षित निकाला जाए, इसकी योजनाओं का भी अभ्यास किया जाएगा.

    गांव स्तर तक अभ्यास का दायरा
    मॉक ड्रिल को केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं रखा जाएगा. गांव स्तर तक इसे पहुंचाया जाएगा ताकि नागरिक सुरक्षा की तैयारी हर कोने में हो सके.

    हर वर्ग की भागीदारी

    इस ड्रिल में जिला नियंत्रण अधिकारियों, होम गार्ड्स, एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस, स्वयंसेवकों और स्कूल-कॉलेजों के छात्रों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी.

    संदर्भ में पाकिस्तान की हलचल

    इस मॉक ड्रिल का आदेश ऐसे समय पर आया है जब पाकिस्तान ने लगातार दो दिन मिसाइल परीक्षण किए हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का दावा है कि उनकी सेना किसी भी खतरे से निपटने के लिए तैयार है. लेकिन भारत की ओर से यह ड्रिल एक स्पष्ट संदेश है कि देश न केवल जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है, बल्कि नागरिक सुरक्षा व्यवस्था को भी चाक-चौबंद बना रहा है.

    यह भी पढ़े: 'हां, हम हिंदू हैं...', धर्म पूछकर मारने वाले मुल्क को औकात दिखाएगा भारत... पाक में कटोरा कम पड़ जाएगा!