नई दिल्ली: भारत में बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों और आतंकवाद के खिलाफ सतर्कता को देखते हुए, दिल्ली पुलिस ने अपने मुख्यालय पर एक आधुनिक लॉन्ग रेंज एकॉस्टिक डिवाइस (LRAD) प्रणाली स्थापित की है. यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब केंद्र सरकार के निर्देश पर देश के 244 जिलों में 7 मई को व्यापक स्तर पर मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है.
इस प्रणाली की तैनाती को राजधानी में आपात प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करने की दिशा में एक रणनीतिक पहल माना जा रहा है.
LRAD क्या है और कैसे कार्य करता है?
LRAD या Long Range Acoustic Device एक विशेष प्रकार की ध्वनि-आधारित चेतावनी प्रणाली है, जिसे लंबी दूरी तक तेज, स्पष्ट और निर्देशात्मक आवाजें प्रसारित करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह पारंपरिक सायरन की तुलना में अधिक प्रभावी है क्योंकि यह न केवल अलर्ट करता है, बल्कि वास्तविक निर्देशों को भी प्रसारित कर सकता है.
VIDEO | LRAD System brought to Delhi Police Headquarters. Delhi Police officials were given a detailed briefing on how the system works. This device will be used to emit loud sirens and deliver messages to disperse crowds in case of a sudden attack.
— Press Trust of India (@PTI_News) May 6, 2025
(Full video available on PTI… pic.twitter.com/v5wJKlCIYd
विशेषज्ञों के अनुसार, LRAD की ध्वनि 500 मीटर से लेकर 1 किलोमीटर तक स्पष्ट रूप से सुनी जा सकती है, जिससे यह आपातकालीन परिस्थितियों, दंगों, भीड़ नियंत्रण, प्राकृतिक आपदाओं और युद्ध जैसे हालात में उपयोगी साबित होता है.
दिल्ली पुलिस की तैयारी
दिल्ली पुलिस ने इस तकनीक को अपनाकर संकेत दिया है कि वह राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को अत्याधुनिक मानकों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है. LRAD सिस्टम की स्थापना से न केवल संभावित आतंकी हमलों के प्रति अलर्ट जारी किया जा सकेगा, बल्कि सार्वजनिक स्थानों पर भी भीड़ नियंत्रण के दौरान सटीक और तेज निर्देश प्रसारित करना संभव होगा.
मॉक ड्रिल से पहले तैनाती का महत्व
7 मई को आयोजित होने जा रही राष्ट्रीय स्तर की मॉक ड्रिल के मद्देनज़र, यह प्रणाली विशेष महत्व रखती है. इस अभ्यास का उद्देश्य विभिन्न आपात स्थितियों के लिए सरकारी एजेंसियों, पुलिस बलों, शैक्षणिक संस्थानों और नागरिक समाज के बीच तालमेल और तैयारियों को परखना है.
LRAD जैसी तकनीक की तैनाती से ऐसे अभ्यासों की प्रभावशीलता और व्यावहारिकता में इज़ाफा होता है. यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी आपात स्थिति में सूचना तेजी से और स्पष्ट रूप में लोगों तक पहुँचे.
नागरिक सुरक्षा में तकनीकी सशक्तिकरण
आज के दौर में जब शहरी क्षेत्रों में संकट की स्थिति बेहद जटिल और गतिशील हो चुकी है, ऐसे में सूचना के तेज और सटीक प्रसारण की भूमिका बेहद अहम हो जाती है. LRAD जैसी प्रणालियाँ केवल सैन्य या सुरक्षा बलों के लिए नहीं, बल्कि सिविल डिफेंस, आपदा प्रबंधन एजेंसियों और बड़े सार्वजनिक आयोजनों के दौरान भी उपयोगी हो सकती हैं.
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