ट्रंप को धोखा देगा नॉर्थ कोरिया! जब ऐसे देश का दौरा करेंगे किम जोंग उन; बढ़ जाएगी अमेरिका की परेशानी

    उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन एक बार फिर वैश्विक मंच पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने जा रहे हैं. उनकी प्रस्तावित चीन यात्रा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफ़ी अहम माना जा रहा है, खासतौर पर उस समय जब अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच रिश्ते बेहद तल्ख़ बने हुए हैं.

    Kim Jong Un China Visit will meet putin on next week
    Image Source: Social Media

    उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन एक बार फिर वैश्विक मंच पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने जा रहे हैं. उनकी प्रस्तावित चीन यात्रा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफ़ी अहम माना जा रहा है, खासतौर पर उस समय जब अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच रिश्ते बेहद तल्ख़ बने हुए हैं.

    उत्तर कोरिया की आधिकारिक मीडिया ने पुष्टि की है कि किम जोंग उन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर 3 सितंबर को बीजिंग में होने वाले ‘विजय दिवस’ समारोह में हिस्सा लेंगे. यह कार्यक्रम द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ पर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें भव्य सैन्य परेड भी शामिल है.

    पुतिन समेत कई राष्ट्राध्यक्ष होंगे मौजूद

    इस समारोह को और अधिक महत्वपूर्ण बनाता है रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उपस्थिति. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ के अनुसार, करीब 26 देशों के नेता इस परेड में भाग लेंगे. पश्चिमी देशों और अमेरिका की गैरमौजूदगी इस कार्यक्रम को पूर्वी गठजोड़ का मंच बना रही है.

    चार साल बाद चीन यात्रा करेंगे किम

    गौरतलब है कि किम जोंग उन बहुत कम विदेश यात्राएं करते हैं. यदि वह इस आयोजन में शामिल होते हैं, तो यह उनकी 2019 के बाद पहली चीन यात्रा होगी. पिछले कुछ वर्षों में उत्तर कोरिया ने न केवल अमेरिका को कड़ी चेतावनियां दी हैं बल्कि लगातार मिसाइल परीक्षण कर अपनी आक्रामक रणनीति का प्रदर्शन भी किया है.

    चीन-उत्तर कोरिया की बढ़ती नज़दीकी

    किम की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब उत्तर कोरिया ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह अमेरिका या दक्षिण कोरिया के साथ किसी भी तरह के कूटनीतिक संवाद को फिर से शुरू करने का इच्छुक नहीं है. इसके उलट, चीन और उत्तर कोरिया के संबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत दिखाई दे रहे हैं. चीन, लंबे समय से उत्तर कोरिया का प्रमुख व्यापारिक सहयोगी और रणनीतिक साझेदार बना हुआ है.

    अमेरिका को लेकर सख़्त रुख बरकरार

    जहां एक ओर अमेरिकी नेतृत्व लगातार कूटनीतिक प्रयासों के ज़रिये उत्तर कोरिया से वार्ता का वातावरण बनाने की कोशिश कर रहा है, वहीं किम प्रशासन ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि वाशिंगटन से कोई विशेष उम्मीद नहीं है. चीन के इस आयोजन में किम की भागीदारी अमेरिका के लिए एक स्पष्ट संदेश मानी जा रही है — कि एशिया में सत्ता समीकरण बदल रहे हैं.

    यह भी पढ़ें: 'इस्लाम नहीं खत्म हुआ तो बेटियों का होगा रेप...', ट्रंप पार्टी समर्थक ने मुस्लिम धर्म ग्रंथ जलाकर कही ये बात