अमेरिका के टेक्सास राज्य से रिपब्लिकन पार्टी की एक भावी उम्मीदवार वैलेंटिना गोमेज़ इन दिनों अपने विवादित बयानों और कट्टरपंथी गतिविधियों को लेकर चौतरफा आलोचना का सामना कर रही हैं. उन्होंने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो साझा किया, जिसमें न सिर्फ इस्लाम के खिलाफ हिंसक भाषा का प्रयोग किया गया, बल्कि कुरान की एक प्रति को जलाते हुए इसे "खत्म करने" की बात कही गई.
वैलेंटिना गोमेज़, जो 2026 में टेक्सास के 31वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं, ने अपने प्रचार वीडियो में बेहद उग्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा, “अगर इस्लाम को जड़ से खत्म नहीं किया गया, तो बेटियों के साथ बलात्कार और बेटों के सिर कलम होते रहेंगे.” इस बयान के साथ ही उन्होंने एक धार्मिक पुस्तक (कुरान) में आग लगाते हुए वीडियो साझा की, जिसे बाद में आलोचना के चलते डिलीट कर दिया गया.
टेक्सास में मुस्लिम आबादी बेहद कम, फिर भी इस्लामोफोबिक प्रचार तेज
रिपोर्टों के मुताबिक, टेक्सास में मुस्लिम आबादी लगभग एक प्रतिशत ही है, लेकिन इसके बावजूद गोमेज़ ने अपने चुनाव प्रचार को पूरी तरह इस्लाम विरोधी भाषा और भावनाओं पर आधारित रखा है. उनकी बयानबाज़ी को न केवल अमेरिका में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी धार्मिक कट्टरता के रूप में देखा जा रहा है.
धर्म के नाम पर हिंसा का संदेश, हमास हमले का किया हवाला
अपने वीडियो संदेश में गोमेज़ ने अमेरिका को “ईसाई राष्ट्र” बताते हुए मुस्लिम समुदाय के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया. उन्होंने 7 अक्टूबर को हुए हमास हमले का हवाला देते हुए कहा, “मैं उस किताब (कुरान) के सामने कभी नहीं झुकूंगी, जिसने हमारे सैनिकों की हत्या को प्रेरित किया.” इस बयान के साथ ही उन्होंने धार्मिक आधार पर हिंसा का समर्थन करने वाले विचार सामने रखे.
पहले भी रही हैं कट्टरपंथी हरकतों के लिए चर्चा में
यह पहली बार नहीं है जब वैलेंटिना गोमेज़ कट्टरता फैलाने के आरोपों में घिरी हों. मई 2025 में, उन्होंने एक मुस्लिम सिविक कार्यक्रम के दौरान टेक्सास स्टेट कैपिटल में मंच पर चढ़कर माइक छीन लिया और इस्लाम विरोधी भाषण दे डाला. वहां मौजूद लोगों के सामने उन्होंने कहा था, “टेक्सास में इस्लाम के लिए कोई जगह नहीं है. कांग्रेस में पहुंच कर मैं अमेरिका को इस्लामीकरण से बचाना चाहती हूं.”
राजनीति में नफरत का खेल तेज, आलोचना के बावजूद नहीं बदला रवैया
विवादों और आलोचनाओं के बावजूद गोमेज़ अपने रुख पर कायम हैं. सोशल मीडिया पर उन्होंने दोहराया कि वे अपने कार्यों पर शर्मिंदा नहीं हैं और आगे भी इस्लाम विरोधी प्रचार करती रहेंगी. हालांकि, उनके इन बयानों ने अमेरिकी समाज में धार्मिक सहिष्णुता और विविधता के मूल्यों को लेकर चिंता बढ़ा दी है.
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