पहले ताला तोड़ा, फिर CCTV फोड़ा...बाल सुधार गृह से बच्चे फरार; तलाशी में जुटी पुलिस

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा स्थित बाल सुधार गृह से 21 बच्चे फरार हो गए. इन बच्चों ने पहले आपस में मारपीट की, फिर सुरक्षा कर्मियों पर हमला कर उत्पात मचाया. उन्होंने परिसर में रखी कुर्सियां और सीसीटीवी कैमरे तोड़े, इसके बाद बंदी गृह के गेट का ताला तोड़कर फरार हो गए.

पहले ताला तोड़ा, फिर CCTV फोड़ा...बाल सुधार गृह से बच्चे फरार; तलाशी में जुटी पुलिस
Image Source: Video Grabbed (Social Media)

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा स्थित बाल सुधार गृह से 21 बच्चे फरार हो गए. इन बच्चों ने पहले आपस में मारपीट की, फिर सुरक्षा कर्मियों पर हमला कर उत्पात मचाया. उन्होंने परिसर में रखी कुर्सियां और सीसीटीवी कैमरे तोड़े, इसके बाद बंदी गृह के गेट का ताला तोड़कर फरार हो गए. इसका एक वीडियो भी सामने आया है जो इस समय तेजी से वायरल हो रहा है. 
 
फरार बच्चों में से तीन के अभिभावक उन्हें छोड़कर गए थे

फरार बच्चों में से तीन के अभिभावक उन्हें बाल सुधार गृह छोड़कर गए थे. एक बच्चे को पुलिस ने पकड़ लिया. घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई. मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार की शाम को बाल सुधार गृह में बच्चों के बीच मामूली विवाद के बाद मारपीट शुरू हो गई. इसके बाद बच्चों ने परिसर में तोड़फोड़ की और गेट का ताला तोड़कर 21 बच्चे फरार हो गए. इस दौरान सुरक्षा कर्मियों के साथ भी बच्चों ने मारपीट की.

चार बच्चे लौटे, बाकी की तलाश जारी

फरार बच्चों की सूचना मिलते ही प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया. हालांकि, देर रात तक चार बच्चे वापस लौट आए, बाकी बच्चों की तलाश की जा रही है. इस मामले की जांच पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त और एसपी की निगरानी में की जा रही है.

बाबूलाल मरांडी ने सुरक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस घटना पर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "चाईबासा के बाल सुधार गृह से बड़ी संख्या में बाल कैदियों के फरार होने की घटना सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर चूक को दर्शाती है." उन्होंने आगे कहा, "बाल सुधार गृह का उद्देश्य भटके हुए किशोरों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना होता है, लेकिन चाईबासा की यह घटना दिखाती है कि सरकार बाल सुधार गृह के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है."

उच्चस्तरीय जांच की मांग

बाबूलाल मरांडी ने कहा, "जल्द से जल्द सभी फरार किशोरों को वापस लाकर उनके लिए उचित काउंसलिंग की व्यवस्था की जानी चाहिए, अन्यथा यह समाज के लिए खतरा बन सकता है. इन बच्चों के फरार होने की वजह और किसकी लापरवाही से यह हुआ, इसकी उच्चस्तरीय जांच कर कार्रवाई की जानी चाहिए."