मुस्लिम देशों से भी बेइज्जत हो रहा पाकिस्तान, अब ईरान ने भी हड़काया; बॉर्डर सील करने का किया ऐलान

    दक्षिण-पश्चिम एशिया में बदलते भू-राजनीतिक हालातों के बीच ईरान ने एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाते हुए पाकिस्तान से लगी अपनी सीमा को पूरी तरह सील करने का फैसला किया है.

    Iran warned Pakistan announced to seal border
    शहबाज-खामेनेई | Photo: ANI

    दक्षिण-पश्चिम एशिया में बदलते भू-राजनीतिक हालातों के बीच ईरान ने एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाते हुए पाकिस्तान से लगी अपनी सीमा को पूरी तरह सील करने का फैसला किया है. यह कदम ऐसे वक्त में लिया गया है जब सीमा पार से आतंकवाद, अवैध तस्करी और गैरकानूनी घुसपैठ जैसी समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं. ईरानी प्रशासन का मानना है कि यह सख्त कदम न केवल उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती देगा, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता में भी अहम भूमिका निभाएगा.

    सीमा पर सुरक्षा होगी पहले से ज्यादा सख्त

    ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह फैसला सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में लगी सीमा को लेकर लिया गया है, जो लंबे समय से असुरक्षा और आपराधिक गतिविधियों का अड्डा बना हुआ है. यहां आतंकवादी संगठन, ड्रग माफिया और ईंधन तस्कर काफी सक्रिय रहे हैं. ईरान अब इस पूरे इलाके में निगरानी को बढ़ाएगा — इसके लिए हाई-टेक कैमरों, ड्रोन और इन्फ्रारेड सेंसरों की तैनाती की जा रही है. साथ ही सीमा पर बाड़बंदी को और मजबूत किया जा रहा है और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भी तैनात किया जा रहा है.

    आतंकी नेटवर्क और तस्करी पर कसा जाएगा शिकंजा

    ईरान की इस नई रणनीति के पीछे मुख्य मकसद उन आतंकी संगठनों पर लगाम कसना है, जो सीमा पार से देश में हमले करते रहे हैं. इनमें सबसे कुख्यात है जैश अल-अदल, जो एक सुन्नी आतंकी समूह है और ईरान के खिलाफ कई हिंसक वारदातों में शामिल रहा है. इसके अलावा, ईंधन और नशीली दवाओं की तस्करी भी इस क्षेत्र में एक बड़ा मुद्दा रही है, जिससे ईरान की अर्थव्यवस्था को नुकसान और समाज को खतरा पहुंचता रहा है.

    2024 के मिसाइल हमलों के बाद तनाव की पृष्ठभूमि

    2024 में ईरान द्वारा पाकिस्तानी सीमा के अंदर आतंकवादियों को निशाना बनाकर किए गए मिसाइल हमलों ने दोनों देशों के रिश्तों में खटास ला दी थी. हालांकि बाद में दोनों देशों ने बातचीत और सीमा सुरक्षा में सहयोग का भरोसा जताया था. लेकिन अब ईरान द्वारा सीमा को पूरी तरह सील करना, संकेत देता है कि वह अब किसी भी संभावित खतरे से पहले ही निपटने के लिए गंभीर है.

    आर्थिक और सामाजिक असर भी महत्वपूर्ण

    इस फैसले का प्रभाव सिर्फ सुरक्षा तक सीमित नहीं रहेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि अवैध ईंधन तस्करी पर नियंत्रण से ईरान की आंतरिक बाजार प्रणाली को भी फायदा मिलेगा. साथ ही सीमावर्ती इलाकों में स्थिरता लौटने से वहां के नागरिकों का जीवन स्तर बेहतर हो सकता है.

    सहयोग ही सफलता की कुंजी

    भले ही ईरान ने यह फैसला एकतरफा सुरक्षा जरूरतों के तहत लिया हो, लेकिन क्षेत्रीय स्थिरता के लिहाज से पाकिस्तान का सहयोग भी उतना ही जरूरी रहेगा. अगर दोनों देश सीमा पार आतंकी गतिविधियों पर मिलकर काम करें, तो यह पूरा इलाका न सिर्फ सुरक्षित बल्कि आर्थिक रूप से भी समृद्ध हो सकता है.

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