इजरायली और ईरानी सेनाओं के बीच टकराव ने ताजा मोड़ ले लिया है, जिसमें दोनों देशों ने अपने-अपने अहम सैन्य ठिकानों पर बड़े पैमाने पर मिसाइल हमले किए हैं. इजरायली वायु सेना ने तेहरान के परमाणु प्रतिष्ठानों समेत कई संवेदनशील ठिकानों पर ताबड़तोड़ बमबारी की है, जिसका जवाब ईरान ने शनिवार रात ‘ट्रू प्रॉमिस 3’ ऑपरेशन के तहत इजरायल की राजधानी तेल अवीव में भीषण मिसाइल हमलों से दिया. इस हमले में ईरान ने पहली बार ‘Fattah-1’ नामक हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया, जो अपनी तेज रफ्तार और मैन्युवरिबिलिटी के कारण आयरन डोम डिफेंस सिस्टम को मात देने में कामयाब रहीं.
मिसाइल हमले ने भारी तबाही मचा दी
तेल अवीव के दक्षिण में बट याम और रेहोवोत शहरों में इस मिसाइल हमले ने भारी तबाही मचा दी. अब तक कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी है और 240 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं. विस्फोटों के बाद पूरे इलाके में सड़कों पर मलबा, जलती कारें और टूटी-फूटी इमारतें नजर आ रही हैं, जहां राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं. स्थानीय लोग भयभीत होकर अपने घर-बार छोड़कर भागते दिखे.
दूसरी ओर, इजरायली सेना ने रविवार तड़के ईरान के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय और परमाणु परियोजनाओं से जुड़े ठिकानों को निशाना बनाकर जवाबी हमले किए. हालांकि, ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को लेकर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां अभी भी ईरान के खिलाफ निर्णायक सबूतों की पुष्टि नहीं कर पाई हैं.
नों देशों के बीच की स्थिति बेहद नाजुक
यह सशस्त्र टकराव 12 जून को इजरायल के ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ से शुरू हुआ था, जिसमें ईरानी कई शीर्ष सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक मारे गए थे. इसके बाद ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई ने स्पष्ट कर दिया था कि इजरायल को छिटपुट हमलों की अनुमति नहीं दी जाएगी और अब दोनों देशों के बीच की स्थिति बेहद नाजुक हो चुकी है.
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