S-500 जैसे सुरक्षा कवच को भी भेद गई ईरान की मिसाइल, तेहरान के किस वार ने इजरायल की धौंस खत्म कर दी?

    इजरायल की ओर से तेहरान पर हमला किए जाने के बाद ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए तेल अवीव समेत कई शहरों पर मिसाइलें और ड्रोन दागे.

    Iran missile penetrated S500 Tehran
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: AI

    पश्चिम एशिया की जमीनी हकीकत अब केवल बयानबाज़ी से कहीं आगे निकल चुकी है. ईरान और इजरायल के बीच टकराव अब खुले युद्ध में बदल गया है. इजरायल की ओर से तेहरान पर हमला किए जाने के बाद ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए तेल अवीव समेत कई शहरों पर मिसाइलें और ड्रोन दागे. हैरान करने वाली बात यह है कि इजरायल के पास आयरन डोम जैसा एयर डिफेंस सिस्टम होने के बावजूद ईरानी मिसाइलों ने जबरदस्त तबाही मचाई.

    इजरायल के ऑपरेशन और ईरान की जवाबी स्ट्राइक

    इजरायली सेना का दावा है कि उन्होंने ईरान के कई एटोमिक सेंटर्स और आर्मी ठिकानों को तबाह कर दिया है. इस कार्रवाई में ईरानी आर्मी चीफ और न्यूक्लियर साइंटिस्ट्स के मारे जाने की पुष्टि की गई है. वहीं, ईरान ने इसे युद्ध की शुरुआत मानते हुए बड़े पैमाने पर मिसाइल अटैक किए हैं, जिससे तेल अवीव और कई शहरों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचा है.

    आयरन डोम क्यों नहीं रोक सका ईरानी मिसाइलें?

    एक अहम सवाल अब सबके सामने है – आयरन डोम जैसे आधुनिक डिफेंस सिस्टम की नाकामी की वजह क्या है? इसका जवाब छिपा है ईरान की फतह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल में. ये मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल न केवल तेज़ है, बल्कि यह लो एल्टीट्यूड पर उड़कर रडार से बचने में माहिर है. सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स मानते हैं कि ऐसे हथियार पारंपरिक डिफेंस सिस्टम को बायपास कर सकते हैं.

    फतह-1: ईरान की गेमचेंजर मिसाइल

    फतह-1 को ईरान ने जून 2023 में दुनिया के सामने पेश किया था. इसका दायरा 1400 किलोमीटर तक बताया गया है, जो इजरायल के किसी भी हिस्से तक पहुंचने में सक्षम है. यह न केवल पारंपरिक बल्कि न्यूक्लियर वॉरहेड भी ले जाने में सक्षम है. नवंबर 2023 में ईरान ने इसका अपडेटेड वर्जन फतह-2 भी लॉन्च किया, जिससे इस मिसाइल की क्षमता और घातक हो गई.

    अब तक की लड़ाई में क्या हुआ?

    • इजरायल का दावा: तेहरान में रक्षा मंत्रालय, ऑयल डिपो, गैस रिफाइनरी समेत 150 से ज्यादा ठिकानों को निशाना बनाया गया.
    • ईरान की प्रतिक्रिया: इजरायल पर 150 से ज्यादा मिसाइलों से हमला.

    अब तक का नुकसान:

    • ईरान: 138 लोगों की मौत, जिनमें 9 न्यूक्लियर साइंटिस्ट और 20 टॉप कमांडर्स शामिल हैं.
    • इजरायल: 11 लोगों की मौत, 300 से ज्यादा घायल.

    ईरान ने 3 इजराइली F-35 फाइटर जेट गिराने का भी दावा किया है.

    नतीजा क्या निकल रहा है?

    इस मौजूदा संघर्ष ने यह दिखा दिया कि अब युद्ध केवल हथियारों की संख्या पर नहीं, टेक्नोलॉजी और रणनीति की गुणवत्ता पर भी निर्भर है. ईरान की मिसाइलें इस बार इजरायली डिफेंस को चकमा देने में सफल रहीं, जिससे इजरायल की सैन्य श्रेष्ठता पर भी सवाल उठने लगे हैं. अगर टकराव यहीं नहीं रुका, तो अगला कदम हो सकता है – सीधी जमीन पर जंग.

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